चंडीगढ़ सेक्टर 40 में हुए विवेक नाम के छात्र पर हमले के एक दिन बीतने के बाद भी थाना 39 पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है, जिसे लेकर घायल छात्र विवेक के पिता कविंदर सिंह पवार ने कहा कि मारपीट करने वाले ज्यादातर सभी लोकल हैं, फिर भी पुलिस ने अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की है, जबकि 2 के तो वह खुद पुलिस को जाकर घर दिखाकर आए थे। यही नहीं, पुलिस को उन्होंने मारपीट करने वाले युवकों की फोटो तक दी हुई है। उसके बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर रही है। पिता बोले कि आज तो मेरा बेटा बच गया लेकिन अगर फिर से उस पर हमला होता है तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा? पुलिस अभी तक हमलावरों को पकड़ नहीं पाई है। घर से दही लेने गया था कविंदर पवार ने कहा कि शनिवार रात के समय उसका बेटा घर से वेरका के बूथ पर दही लेने गया था। काफी देर तक वह नहीं लौटा, उनके पास एक कॉल आई उसके दोस्त की और उसने बताया कि विवेक को लेकर वह मोहाली फेज-6 के अस्पताल में जा रहे हैं, उसे चोट लगी है। कुछ देर बाद फिर कॉल आई कि फेज 6 अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे सेक्टर 32 चंडीगढ़ के अस्पताल में रेफर कर दिया है। जिसके बाद वह भी सेक्टर 32 अस्पताल में पहुँचे। वहाँ जाकर देखा तो उनके बेटे की पीठ में और पीठ के निचले हिस्से में, सिर में चाकू व नुकीली चीज़ से वॉर किए गए थे। उन्होंने अपने बेटे से पूछा तो उसने बताया कि वह वेरका बूथ पर दही लेने जा रहा था, कि रास्ते में सेक्टर 40 के युवक खड़े हुए थे। उन्होंने उससे पूछा कि आशू कहां पर है, तो उसने बोला कि उसे नहीं पता। बस इसी बात को लेकर बहस होने लगी और उसी दौरान उनमें से कुछ युवक मारपीट करने लगे और फिर जितने युवक वहाँ पर खड़े थे सभी उसे पीटने लगे। देखें युवक की पिटाई से जुड़े PHOTOS… बाइक व एक्टिवा पर आए हमलावर शनिवार रात को सेक्टर 40 के एक नामी प्राइवेट स्कूल के सामने गली में युवक विवेक को एक दर्जन से ज्यादा युवक हथियारों से पीट रहे थे। उसी दौरान विवेक नीचे गिर गया, लेकिन उसके बाद भी हमलावर पीटने से नहीं हटे। फिर वे उसे लातों व घूंसे मारने लगे। बीच में विवेक खुद को हमलावरों से छुड़वाकर भागा, लेकिन उन्होंने फिर से पकड़ लिया और पीटने लगे। इस दौरान सड़क पर खून के निशान भी पड़े हुए हैं। काफी देर तक पीटने के बाद हमलावर बाइक और एक्टिवा पर सवार होकर वहां से भाग गए। एक दोपहिया पर 3-3 सवार होकर हमलावर भागे हैं। पड़ोसी वीडियो बनाने में लगे रहे जिस समय हमलावर विवेक को पीट रहे थे, उस दौरान आसपास के पड़ोसी अपनी-अपनी घरों की छतों से नीचे देख रहे थे और मारपीट की वीडियो बना रहे थे। लेकिन किसी ने भी हिम्मत नहीं की कि नीचे आकर उसे बचाएं, जबकि विवेक जब हमलावरों से पिट रहा था, तो बचाने के लिए चिल्ला रहा था।