चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने शहर से ड्रग्स की जड़ तक सफाई करने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने साफ कहा कि लोकल ड्रग्स कहां से आती हैं, इसकी जानकारी पुलिस को है, इसलिए अब इस पर सख्ती जरूरी है ताकि युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बचाया जा सके। कटारिया ने पुलिस को निर्देश दिए कि वे अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभाएं और ड्रग सप्लायर्स पर लगाम कसें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी पुलिसकर्मी की ड्रग माफिया से हमदर्दी पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों से की पहल प्रशासक कटारिया बोले कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए उन्होंने शहर के सभी स्कूलों से पहल की है, जिसके चलते सभी टीचरों के साथ मीटिंग कर कहा गया है कि अगर उनके स्कूल में कोई बच्चा नशा करता हुआ पता चलता है तो उससे दूरी न बनाएं, बल्कि उसे महसूस न होने दें और उसे इस नशे की लत को छुड़वाएं। उसके साथ ऐसा माहौल बने कि नशे से पूरी जिंदगी खत्म हो जाती है और भगवान मनुष्य को जिंदगी सिर्फ एक बार देता है, वह भी कई जन्मों के बाद। इसके अलावा बच्चों को स्कूल में ‘भारत’ की ओर बढ़ावा दिलवाएं ताकि वह चंडीगढ़, देश और अपने मां-बाप का नाम रोशन करें। वहीं प्रशासक कटारिया ने कहा कि अगर टीचर को पता चलता है कि उसके स्कूल में कोई बच्चा नशा कर रहा है तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को भी दें। और पुलिस से कहा गया है कि इसे गुप्त रखा जाए क्योंकि यह बच्चों के भविष्य से जुड़ी बात होती है। इसलिए यह पता लगे कि बच्चा नशा कहां से खरीद रहा है, उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए और बच्चे को नशे की लत से दूर किया जाए। पुलिस पर भी हो चुकी कार्रवाई डिस्ट्रिक्ट क्राइम सेल (डीसीसी) ने सेक्टर-38 में पुलिस पर फायरिंग करने वाले नशा तस्कर दीपक कुमार वर्मा और उसके साथी ऋषभ की गिरफ्तारी की थी। आरोपी दीपक ने पूछताछ में बताया था कि सेक्टर-38 बीट बॉक्स में तैनात सीनियर कॉन्स्टेबल प्रदीप और कॉन्स्टेबल सुरिंदर ने उससे दो बार रंगदारी वसूली। जिसके बाद एसपी हेडक्वार्टर मंजीत श्योराण और एसपी क्राइम जसबीर सिंह ने खुद जांच की और दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ सेक्टर-39 थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस में इंस्पेक्टर रैंक तक के अधिकारी पर भी ड्रग्स बेचने वालों का साथ देने के आरोप लग चुके हैं। लेकिन आरोप लगने के बाद जिस डिपार्टमेंट से उन्हें बदला गया था, कुछ समय बाद फिर से वहीं का चार्ज भी सौंप दिया गया।