चंडीगढ़ हाउसिंग प्रोजेक्ट में FAR बढ़ाने की सिफारिश:फ्लैट्स सस्ते होने की उम्मीद; EWS पॉलिसी के इंतजार में अटका प्रोजेक्ट,

चंडीगढ़ में लंबे समय से अटके सेक्टर-53 हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। शहरी नियोजन विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) को 1.5 से बढ़ाकर 2 करने की सिफारिश की है। FAR बढ़ने से फ्लैट्स का उपयोग करने योग्य क्षेत्र बढ़ जाएगा और कीमतें कम होने की उम्मीद है। इससे उन हजारों आवेदकों को राहत मिल सकती है, जो कई वर्षों से इस स्कीम के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। सितंबर की बैठक में कटारिया ने ऊंची कीमतों को लेकर चंडीगढ़ हाउसिंग प्रोजेक्ट अधिकारियों को फटकार लगाई थी और निर्देश दिए थे कि कीमतें कम की जाएं और फ्लैटों की संख्या बढ़ाई जाए। पिछले हफ्ते जारी हुई सिफारिश जानकारी के मुताबिक, यह सिफारिश पिछले हफ्ते तब जारी की गई, जब विभाग ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (CHB) की मांग को तकनीकी मानकों और मास्टर प्लान के हिसाब से जांचा। यह फैसला 11 सितंबर को पंजाब राज्यपाल एवं यूटी एडमिनिस्ट्रेटर गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद तेज़ी से आगे बढ़ा, जिसमें ऊंची कीमतों और देरी पर चिंता जताई गई थी। CBR (U)-2017 के मुताबिक मानक आधिकारिक नोट में बताया गया है कि फ्लोर एरिया रेश्यो (U)-2017 के तहत फेज-III सेक्टरों में इंटीग्रेटेड रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम में 22.63 मीटर तक बिल्डिंग ऊंचाई, 40% ग्राउंड कवरेज और FAR जोनिंग प्लान के अनुसार माना जाता है। इन्हीं आधारों पर विभाग ने फ्लोर एरिया रेश्यो को 2.0 करने का सुझाव दिया है, जैसा कि इसी सेक्टर में यूटी कर्मचारियों की हाउसिंग स्कीम में पहले ही मंजूर किया जा चुका है। यह स्कीम 2018 में लॉन्च हुई थी, लेकिन 492 फ्लैटों के लिए सिर्फ 178 आवेदन आने के कारण इसे रोक दिया गया। फरवरी 2023 में इसे दोबारा चालू किया गया, लेकिन अगस्त 2023 में तत्कालीन एडमिनिस्ट्रेटर बनवारीलाल पुरोहित ने इसे फिर रोक दिया, यह कहते हुए कि उस समय चंडीगढ़ को नई हाउसिंग स्कीम की जरूरत नहीं है। बाद में नवंबर 2024 में इसे फिर से शुरू किया गया। मार्च 2025 में हुए सर्वे में 372 फ्लैटों के लिए 7,468 लोगों ने आवेदन किया। लेकिन अप्रैल में कलेक्टर रेट बढ़ने के बाद फ्लैटों की लागत 35% से 40% तक बढ़ गई, जिससे आवेदकों की चिंता और बढ़ गई। मौजूदा संभावित कीमतें EWS पॉलिसी न बनने से दोनों प्रोजेक्ट अटके सेक्टर-53 स्कीम के साथ-साथ मनिमाजरा की पॉकेट नंबर-6 वाली हाउसिंग स्कीम भी EWS पॉलिसी के न बनने के कारण अटकी हुई है। यूटी प्रशासन अभी तक यह पॉलिसी तैयार नहीं कर पाया है, जबकि यही पॉलिसी आवंटन प्रक्रिया के लिए अनिवार्य है।

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