गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड में शूटरों और अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस 15 अक्टूबर से पहले चार्जशीट कर देगी। बेउर से लेकर आरा जेल तक बंद इन आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने डायरी लगभग पूरी कर ली है। चार्जशीट भी लगभग तैयार है। जांच में आई कुछ तकनीकी बातों को संकलित कर चुकी है। शूटरों का फेस सैंपलिंग कराई जाएगी। एफएसएल की टीम यह करेगी। टीम इनके चेहरों का वैज्ञानिक तरीके से सैंपल लेगी। उसके बाद सीसीटीवी फुटेज में कैद इन शूटरों का फेस सैंपल लेकर मिलान करेगी। हालांकि फुटेज में दिखे पांच में से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। एक शूटर फरार है। चंदन की हत्या 17 जुलाई को पारस अस्पताल में हुई थी। वह बेउर जेल से पेरोल पर इलाज कराने आया था। अस्पताल के प्राइवेट रूम में घुसकर पांच शूटरों ने उसे 28 गोलियां मारी थीं। इस मामले में पुलिस ने कोलकाता से मेन शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह के अलावा उसके मौसेरे भाई नीशु खान और नीशू के दो स्टाफ हर्ष एवं भीम को गिरफ्तार किया था। उसके बाद पुलिस ने शूटर बलवंत आैर रविरंजन के अलावा अभिषेक को आरा से गिरफ्तार किया। फिर इन शूटरों को हथियार सप्लाई करने वाले राजेश और धन्नू को यूपी के मिर्जापुर स्थित एक होटल से दबोचा था। सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने बताया कि समय पर पुलिस चार्जशीट कर देगी। सबों को स्पीडी ट्रायल कराकर सजा दिलाई जाएगी। तीन माह बाद भी हथियार बरामद नहीं कर सकी पुलिस तीन माह बाद भी घटना में इस्तेमाल एक भी हथियार बरामद नहीं हो सका है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस के पास सबसे ठोस साक्ष्य के रूप में पांचों शूटरों का हथियार के साथ चंदन के प्राइवेट कमरे में घुसने और गोलियां बरसाने के बाद वहां से भागने का सीसीटीवी फुटेज है। यही नहीं प्राइवेट रूम में उस वक्त मौजूद चंदन का एक करीबी गवाह भी है। सीसीटीवी फुटेज इन सबों को सजा दिलाने के लिए ठोस साक्ष्य है। जांच में यह बात सामने आई थी कि हत्या की साजिश करने वाला पुरुलिया जेल में बंद शेरू सिंह है। शेरू और चंदन पहले बेउर जेल में बंद थे। बंगाल में किसी केस में नाम आने के बाद शेरू को बंगाल पुलिस पुरुलिया जेल ले गई। पुलिस ने जांच के बाद शेरू सिंह को इस हत्याकांड में अप्राथमिकी आरोपी बना दिया है। उसे रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट ने अनुमति दे दी है।