चिदंबरम बोले- ऑपरेशन ब्लू स्टार अकेले इंदिरा का फैसला नहीं:SGPC का जवाब- राजनीति के लिए सिखों को मारा, राजीव गांधी ने इसे जस्टिफाई किया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 1984 में अमृतसर के गोल्डन टैंपल में चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ के तरीके को गलत बताया। उन्होंने कहा कि गोल्डन टेंपल को आतंकियों से मुक्त कराने का ये “गलत तरीका” था। मगर, ये उनका अकेले का फैसला नहीं था। SGPC ने इस बयान को अधूरा सच बताया है। चिदंबरम ने यह टिप्पणी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। उन्होंने कहा- यहां मौजूद किसी भी सेना अधिकारी का अनादर नहीं, लेकिन गोल्डन टेंपल को वापस लेने का वो तरीका गलत था। तीन-चार साल बाद हमने स्वर्ण मंदिर को वापस लेने का सही तरीका दिखाया, बिना सेना को शामिल किए। उन्होंने आगे कहा- “मैं मानता हूं कि उस गलती की कीमत इंदिरा गांधी (तत्कालीन प्रधानमंत्री) को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, लेकिन वह गलती केवल उनकी नहीं थी। वह सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सिविल सेवा, सभी के सामूहिक निर्णय का परिणाम थी। हम इसका पूरा दोष सिर्फ इंदिरा गांधी पर नहीं डाल सकते।” चिदंबरम के इस बयान पर SGPC ने पलटवार किया है। SGPC के पूर्व जनरल सेक्रेटरी व मौजूदा सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि 100 झूठ बोल कर एक सच नहीं बनता। बड़े लीडर राजीव गांधी ये कहते पाए गए थे कि बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती हिलती है, सिखों के कत्लेआम को जस्टिफाई किया गया। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, SGPC सदस्य ने क्या कहा… अब जानिए, चिदंबरम ने क्या कहा था… चिदंबरम शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कसौली पहुंचे थे। यहां ‘खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल’ में पत्रकार हरिंदर बावेजा की किताब ‘They Will Shoot You, Madam’ की चर्चा में शामिल हुए। बावेजा के कमेंट- इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के अपने फैसले की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। इस पर चिदंबरम ने कहा था- किसी सैन्य अधिकारी का अपमान किए बिना मैं कहना चाहता हूं कि स्वर्ण मंदिर को वापस पाने का वह गलत तरीका था। कुछ साल बाद हमने बिना सेना के उसे वापस पाने का सही तरीका दिखाया। ब्लू स्टार गलत तरीका था। मैं मानता हूं कि श्रीमती गांधी ने उस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। चिदंबरम बोले- पंजाब की असली समस्या उसकी आर्थिक स्थिति चिदंबरम ने बुक की चर्चा के दौरान कहा कि मेरे पंजाब दौरों के दौरान मुझे महसूस हुआ कि खालिस्तान या अलगाव की राजनीतिक मांग अब लगभग खत्म हो चुकी है। आज की मुख्य समस्या आर्थिक है… सबसे अधिक अवैध प्रवासी पंजाब से ही हैं। ऑपरेशन ब्लैक थंडर जैसे रणनीतिक तरीके अपनाने की थी जरूरत
चिदंबरम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि यदि ऑपरेशन ब्लैक थंडर जैसे रणनीतिक तरीके अपनाए जाते, तो स्वर्ण मंदिर की पवित्रता को बिना ठेस पहुंचाए आतंकवादियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया जा सकता था।
उन्होंने कहा- “ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान स्वर्ण मंदिर की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद की गई थी, जिससे आतंकवादी बिना खून-खराबे के आत्मसमर्पण करने को मजबूर हुए। यदि ऐसा तरीका अपनाया जाता तो न तो श्री हरमंदिर साहिब की मर्यादा भंग होती और न ही निर्दोष श्रद्धालुओं की जान जाती।” आर.पी. सिंह ने इंदिरा गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए टकराव का रास्ता चुना।
“1984 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने राष्ट्रवाद की भावना भड़काने के लिए भारत के सबसे देशभक्त समुदाय (सिखों) को देशविरोधी बताने की कोशिश की। इसी राजनीतिक चाल में वे खुद फंस गईं और अंततः उन्हें इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।” 31 अक्टूबर 1984 को की गई इंदिरा गांधी की हत्या
ऑपरेशन ब्लू स्टार के पांच महीने बाद, 31 अक्तूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही दो सिख अंगरक्षकों ने प्रतिशोध में कर दी थी। उनकी हत्या के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे, जिनमें हजारों लोगों की जान गई। जिसका असर पंजाब पर भी हुआ और पंजाब में लंबे समय तक चले आतंकवाद के दौर की भी शुरुआत बनी। क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार? —————————— ये खबरें भी पढ़ें… भास्कर एक्सप्लेनर-भिंडरावाले की जांघ में लगी थी पहली गोली: तहखाने में लाश मिली, पाकिस्तान बोला- वो हमारे पास है 1984 के अप्रैल महीने के आखिरी दिन। जगह- अमृतसर का स्वर्ण मंदिर। कंस्ट्रक्शन का सामान लिए कई ट्रक एक के बाद एक मंदिर के अंदर जा रहे थे। सफेद सलवार-कुर्ता पहने आम कद-काठी का एक आदमी इसकी देखरेख कर रहा था। नाम था- शाहबेग सिंह। पूरी खबर पढ़ें… चिदंबरम बोले- मैं मुंबई हमले का बदला लेना चाहता था:मनमोहन सरकार पर अमेरिकी दबाव था, इसलिए पाकिस्तान पर कार्रवाई नहीं की मनमोहन सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने खुलासा किया था कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद उनके मन में भी बदला लेने का विचार आया था, लेकिन उस वक्त की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सैन्य कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया। एक इंटरव्यू में चिदंबरम में कहा कि इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई न करने का फैसला अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय के रुख के कारण लिया गया था। पूरी खबर पढ़ें…

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