सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने चौसा थर्मल पावर प्लांट तैयार कर दिया है। इसे चालू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। तीन महीने में बिजली बनने लगेगी। चौसा थर्मल पावर प्लांट में 1320 मेगावाट बिजली बनेगी। इसमें से बिहार को 1122 मेगावाट बिजली मिलेगी। गंगा नदी से प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाई जा रही है। कोयला आपूर्ति के लिए रेलवे लाइन बिछाई जानी है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण होना है। इसके बाद चौसा थर्मल पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। एसजेवीएनएल के सीईओ विकास शर्मा के मुताबिक इन कामों को पूरा होने में डेढ़ से दो महीने का वक्त लगेगा। फिर प्लांट की टेस्टिंग होगी। तीन महीने में वाणिज्यिक बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। मुआवजा लेने वाले 21 रैयतों से वसूली की तैयारी : पहले गंगा का पानी प्लांट तक पहुंचाने के लिए नहर बनाने की योजना थी। जमीन अधिग्रहण हुआ था। अब योजना बदल गई है। पाइपलाइन से पानी पहुंचेगा। बक्सर जिला प्रशासन ने नहर निर्माण के लिए 21 रैयतों को करीब 89 लाख 58 हजार रुपए मुआवजा दिया था। अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। मुआवजा लेने वाले 21 रैयतों से राशि वापस ली जाएगी। उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलेगी… चौसा प्लांट से वित्त वर्ष 2025-26 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य है। इसका सीधा फायदा बिहार के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में मिलेगा। अभी एनटीपीसी के द्वारा बिहार को 6726 मेगावाट से अधिक बिजली मिल रही है। शेष बिजली की अन्य स्रोतों से मिल रही है। राज्य में बिजली की खपत का रिकॉर्ड 8428 मेगावाट है। यह पिछले साल से 423 मेगावाट अधिक है। ऐसे में चौसा बिजली घर के चालू होने से बिहार को राहत मिलेगी।-हरेराम पांडेय, पूर्व निदेशक, बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी गंगा से पाइप के जरिए पानी पहुंचाने का काम शुरू, कोयला लाने के लिए ट्रैक बनेगा तीन माह में शुरू होगा उत्पादन… 1320 में से 1122 मेगावाट बिजली बिहार को मिलेगी जानिए… हमें क्या होगा फायदा चौसा पावर प्लांट 1283 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है । 6791 करोड़ लागत थी 2008 में परियोजना की। 10000 करोड़ लागत हो गई है वर्तमान में। 660 मेगावाट की दो यूनिट हैं इस प्लांट में। 30 प्रतिशत तक विदेशी कोयला का उपयोग होगा। सस्ती और निर्बाध बिजली से राज्य में उद्योगों को फायदा होगा। बिहार में नए उद्योग लगाने के लिए निवेशक प्रोत्साहित भी होंगे। पावर प्लांट के संचालन और कोयला-पानी व अन्य की आपूर्ति में स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। परिवहन, मेंटेनेंस में भी रोजगार बढ़ेगा चौसा पावर प्लांट से बिहार को सीधे 1122 मेगावाट बिजली मिलेगी। घरेलू और औद्योगिक बिजली की आपूर्ति में स्थिरता आएगी। बिजली उत्पादन से राजस्व बढ़ेगा।