जगराओं में जलभराव पर लोग भड़के:MLA-कौंसिल आमने-सामने, विधायक बोलीं- फंड नहीं दे रही कौंसिल; प्रधान बोले- झूठी राजनीति कर रहीं

बारिश के बाद जलभराव की समस्या को लेकर जगराओं शहर में राजनीति गरमा गई है। पूरे शहर में पानी भरने से नाराज लोगों ने सोशल मीडिया पर विधायक सरबजीत कौर मानूके के खिलाफ आक्रोश जताया और उनका 2022 में दिया गया एफिडेविट वायरल कर दिया। इसके बाद विधायक और नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल सिंह राणा आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक-दूसरे पर जल निकासी योजना को लेकर झूठ बोलने और विकास कार्यों में अड़ंगा डालने के आरोप लगा रहे हैं। विधायक बोलीं: फंड न मिलने से अटका 10.64 करोड़ का प्रोजेक्ट विधायक सरबजीत कौर मानूके ने सफाई देते हुए कहा कि कमल चौक और पुरानी दाना मंडी में जल निकासी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए 10.64 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया जा चुका है, लेकिन नगर कौंसिल द्वारा फंड जमा न करवाने के कारण इसमें देरी हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कौंसिल ने जल्द पैसा जमा नहीं किया, तो वह पंजाब सरकार से सीधी कार्रवाई करवाएंगी। विधायक ने कहा कि हलके की बेटी होने के नाते वह हर समस्या को अपनी जिम्मेदारी मानती हैं और हर हाल में समाधान करवाकर रहेंगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग सस्ती राजनीति कर रहे हैं और जानबूझकर विकास कार्यों में रुकावट डाल रहे हैं। कौंसिल प्रधान का पलटवार: विधायक झूठ बोल रहीं दूसरी ओर, नगर कौंसिल प्रधान जतिंदरपाल सिंह राणा ने विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वह अब तक शहर की भलाई के लिए चुप रहे, लेकिन अब चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने दावा किया कि विधायक जल निकासी योजना पर झूठ बोल रही हैं और जनता को गुमराह कर रही हैं। राणा ने कहा कि यदि योजना पहले से तैयार थी, तो उस वक्त क्यों फंड जारी नहीं किए गए जब कौंसिल पर विधायक समर्थकों का नियंत्रण था? उन्होंने बताया कि उन्होंने 30 सितंबर 2024 को पंजाब सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन फंड नहीं मिला। इसके बाद 16 दिसंबर 2024 को बहुसमीति से पास कर दोबारा मांग की गई, जिसमें लिखा था कि यदि सरकार फंड नहीं देती, तो नगर कौंसिल अपने स्तर पर काम करवा लेगी। लेकिन फिर भी काम नहीं होने दिया गया। विधायक समर्थकों पर विकास रोकने के आरोप कौंसिल प्रधान ने आरोप लगाया कि विधायक गुट के पार्षद जानबूझकर विकास कार्यों में अड़ंगा डालते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नगर कौंसिल को मिली जेटिंग और स्वाइपिंग मशीनें स्वच्छ भारत अभियान के तहत मिली हैं, न कि विधायक या पंजाब सरकार द्वारा। राणा ने दावा किया कि नगर कौंसिल ने शहर के विकास के लिए 73 कार्यों का प्रस्ताव रखा, लेकिन विधायक गुट के पार्षदों ने झूठी शिकायतें करवा कर काम रुकवा दिए। उन्होंने कहा, “अब मैं चुप नहीं बैठूंगा। विधायक के हर झूठ का जवाब दिया जाएगा और उनकी असलियत जनता के सामने लाई जाएगी, ताकि साफ हो सके कि शहर का असली हितैषी कौन है।”

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