पंजाब के लुधियाना जिले में मंगलवार को हुई बारिश ने जगराओं शहर में जल निकासी की समस्या को उजागर कर दिया। शहर की प्रमुख सड़कें पानी में डूब गईं। कुक्कड़ चौक से रानी झांसी चौक तक दुकानदारों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं। पुरानी दाना मंडी में पानी दुकानों के अंदर तक पहुंच गया। सब्जी मंडी रोड, कमल चौक, लाजपत राय रोड, कुक्कड़ चौक, अनारकली बाजार और पुरानी मंडी में पानी की निकासी नहीं हो पाई। कांग्रेस पार्षद रविंदरपाल सिंह राजू कामरेड ने 2022 में नगर कौंसिल की जमीनों पर हो रहे कब्जे हटाने के लिए तहसीलदार से कई बार निशानदेही की मांग की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। नालों पर हुआ अवैध अतिक्रमण, रुकी निकासी शहर में 8 छप्पड़ मौजूद थे, जिन पर अवैध कब्जे होते चले गए। अगर गलती से कोई अधिकारी कार्रवाई करता। तो वोट बैंक के लिए नेता कार्रवाई रुकवा देते थे। इसी का नतीजा है कि पूरा शहर पानी में डूब गया। कमल चौक से नेहरू मार्केट तक सड़क के दोनों ओर 3 फुट चौड़े और 6 फुट गहरे नाले थे। इन पर धीरे-धीरे अतिक्रमण होता गया। कौंसिल अधिकारियों ने न तो अपनी जिम्मेदारी निभाई और न ही अवैध कब्जे रोके। विधायक का एफिडेविट सोशल मीडिया पर वायरल दुकानदारों ने नालों पर थड़े बना लिए। इससे नाले बंद हो गए और पानी की निकासी रुक गई। युवाओं ने जलभराव वाली सड़कों पर स्विमिंग कर विरोध जताया। लोगों ने विधायक सरबजीत कौर मानूके का 2022 का एफिडेविट सोशल मीडिया पर वायरल किया। विधायक ने डेढ़ साल में जल निकासी की समस्या का समाधान करने का वादा किया था। 4 साल बीतने को हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।