जालंधर सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब ICU में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई 2 मिनट के लिए बाधित हो गई। इस दौरान तीन मरीजों की मौत हो गई और दो की हालत बिगड़ गई, जिन्हें बाद में उपचार के बाद बचा लिया गया। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। जैसे ही मामला सरकार तक पहुंचा तो, रात को करीब सवा एक बजे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह अस्पताल पहुंचे और अधिकारियों से मीटिंग की। सोमवार सुबह भी हालात पर नजर रखने के लिए मंत्री दोबारा अस्पताल पहुंचे। वहीं, दोपहर में पंजाब सरकार के मंत्री मोहिंदर भगत भी अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इसके साथ ही चंडीगढ़ से पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर डॉ. अनिल अग्रवाल ने अस्पताल की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया है कि ऑक्सीजन सप्लाई करीब 20 से 25 मिनट तक बाधित रही थी। डायरेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना के वक्त नियमित ऑपरेटर छुट्टी पर था और उसकी जगह लगाए गए कर्मचारी की भूमिका भी जांच के घेरे में है। डायरेक्टर डॉ. अनिल ने क्या कहा? पढ़िए 5 प्वाइंट में पूरी बात पोस्टमॉर्टम न होने पर उठे सवाल
रविवार रात जिन तीन मरीजों की मौत हुई, उनकी पहचान अर्चना (15), अवतार लाल (32) और राजू (30) के रूप में हुई है। अर्चना को 17 जुलाई को सांप के काटने के बाद भर्ती किया गया था, अवतार लाल को 27 जुलाई को नशे की ओवरडोज के चलते और राजू को 24 जुलाई को टीबी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने आरोप लगाया है कि मृतकों का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया गया, जिससे मौत के सही कारण की पुष्टि नहीं हो सकी। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों ने पोस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया था और तीनों का अंतिम संस्कार भी हो चुका है। 2 मिनट के लिए बंद रही सप्लाई
सेहत मंत्री के अनुसार, रविवार रात करीब साढ़े 8 बजे ICU में ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई बंद हुई थी। इसके बाद ही डॉक्टरों और टेक्नीशियनों को पता चल गया था। ऑक्सीजन प्लांट की गड़बड़ी के बारे में पता करने और उसे ठीक करने में उन्हें करीब 2 मिनट लग गए। इतने ही समय में 3 लोगों ने दम तोड़ दिया। इसके बारे में करीब साढ़े 9 बजे परिजनों को पता चला तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा किया। डॉक्टर बोले- मामले में 9 मेंबर की जांच कमेटी बनाई
देर रात सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एमएस डॉ. राज कुमार ने कहा- मरने वाले 3 मरीज थे। मौत का कारण पता करने के लिए हमने 9 मेंबरी कमेटी गठित कर दी है। 2 दिन के अंदर कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मामले में जांच की जाएगी कि ये टेक्निकल फॉल्ट है या फिर हमारे किसी मुलाजिम की गलती है। मरने वाले सभी मरीज सीरियस थे। डॉ. राज कुमार ने कहा- घटना में अगर किसी भी आधिकारिक स्तर पर कोई गलती पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। कमेटी में अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। जोकि अपने अपने तौर पर हर चीज की रिपोर्ट सौंपेंगे। DC बोले- कमेटी जांच कर रही, 72 घंटे में कारण पता चलेगा
इस मामले में DC हिमांशु अग्रवाल ने कहा- इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है, जो 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जांच रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि मौतें ऑक्सीजन प्रेशर की कमी के कारण हुईं या फिर मरीज पहले से ही गंभीर स्थिति में थे, जिनका इलाज ICU में चल रहा था। कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जांच में किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर यह मामला किसी तकनीकी खराबी का हुआ, तो उसे सुधारने के पूरे प्रयास किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। DC ने भरोसा दिलाया कि प्रशासन पूरी गंभीरता से इस मामले की निगरानी कर रहा है और किसी भी तरह की चूक को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। सेहत मंत्री बोले- तीनों मरीजों की हालत नाजुक थी, मामले की जांच होगी
पंजाब के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह देर रात करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक सिविल अस्पताल जालंधर में रहे और डॉक्टरों व मरीजों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने कहा- आईसीयू में दाखिल मरीजों की हालत काफी नाजुक थी। स्टाफ से पता लगा कि ऑक्सीजन के प्रेशर में दिक्कत आई थी, लेकिन एक से दो मिनट के गैप में ऑक्सीजन को शुरू कर दिया गया था। डॉ. बलबीर सिंह ने भरोसा दिलाया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पूर्व सांसद रिंकू बोले- लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई हो
इस घटना के बारे में जब लोगों को पता चला तो तुरंत मौके पर सबसे पहले BJP के वरिष्ठ नेता पहुंचे थे और उन्होंने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जालंधर के पूर्व सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार रिंकू ने कहा- अस्पताल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन और पंजाब सरकार की लापरवाही साफ है। इस मामले में लापरवाही करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए और मामले की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।