लोकसभा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 17 सांसदों को वर्ष 2025 का ‘संसद रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया गया है। इन सम्मानित सांसदों में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर से लोकसभा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल हैं। उन्हें संसद में प्रभावशाली कार्य और जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद सांसद चरणजीत चन्नी ने जालंधर लोकसभा क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह सम्मान मेरी संसद यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और मैं यह सब क्षेत्र की जनता के आशीर्वाद और समर्थन से ही कर पाया हूं। अन्य कई दिग्गज सांसद भी हुए सम्मानित ‘संसद रत्न पुरस्कार 2025’ के लिए एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले, भाजपा सांसद रवि किशन, निशिकांत दुबे, शिवसेना (UBT) के सांसद अरविंद सावंत समेत कई अन्य सांसदों को भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन सांसदों को दिया जाता है जो संसद में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और जनहित के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाते हैं। इसके अलावा, तीन बार लगातार सांसद रहे और उत्कृष्ट योगदान देने वाले सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इनमें भाजपा नेता भरतरुहारी महताब, इंकलाबी समाजवादी पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीरंग आप्पा बारणे शामिल हैं। क्या है संसद रत्न पुरस्कार? संसद रत्न पुरस्कार’ की शुरुआत 2010 में प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा की गई थी। यह पुरस्कार उन सांसदों को दिया जाता है, जो संसद में प्रभावी भूमिका निभाते हैं, जनसमस्याओं से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करते हैं। चयन की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष होती है और विशेष जूरी के माध्यम से की जाती है। वर्ष 2025 के लिए इस जूरी के अध्यक्ष हंसराज अहीर थे, जो स्वयं एक अनुभवी सांसद रहे हैं। संसद रत्न पुरस्कार अब भारतीय संसदीय प्रणाली में उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया है, जो जनप्रतिनिधियों को बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।