जीरकपुर डबल मर्डर केस में दोषी को उम्र कैद:छह साल पुराना है मामला, मोहाली अदालत ने सुनाया फैसला, तीन आरोपी अभी फरार

मोहाली जिला अदालत ने जीरकपुर के डबल मर्डर केस में बिहार निवासी अशोक कुमार को धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में उसे छह महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। इस मामले में अन्य तीन सह-आरोपी सूरज, संतोष और कृष अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया था यह मामला थाना जीरकपुर में 9 जुलाई 2019 को दर्ज किया गया था। इसमें दो व्यक्तियों अजय और फजलदीन की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। फजलदीन आर.एम. सिंगला फार्म हाउस में चौकीदार के तौर पर काम करता था, जबकि अजय पास के खेतों में पशुओं की देखभाल करता था। शिकायतकर्ता राजेश खान (मृतक फजलदीन का पुत्र) ने पुलिस को बताया कि उसका पिता रोजाना सुबह चाय पीता था। 9 जुलाई की सुबह जब वह फार्म हाउस पर उसे चाय देने गया, तो पिता वहां नहीं मिला। पास के खेतों में उसने देखा कि अजय खून से लथपथ चारपाई पर पड़ा था और उसके पिता की लाश खेतों में पड़ी थी। हत्या में सामान बरामद कर लिया पुलिस जांच में सामने आया कि अशोक कुमार ने अपने तीन भतीजों सूरज, संतोष और कृष के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। हत्या की वजह अशोक कुमार की पत्नी के अजय के साथ कथित अवैध संबंधों को लेकर चली आ रही रंजिश थी। पुलिस पूछताछ में अशोक कुमार ने स्वीकार किया कि उसने अपने भतीजों के साथ मिलकर दोनों की हत्या की। हत्या में इस्तेमाल किया गया डंडा और खून से सने कपड़े उसने परविंदर सिंह के मोटर में छिपा दिए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने बरामद किया। 17 गवाहों ने खोली पोल अदालत में कुल 17 गवाह पेश किए गए। मुख्य गवाह राज नारायण उर्फ गोपी ने सारी कहानी अदालत को बताई। उसने बताया कि रात करीब 2 बजे उन्होंने अशोक कुमार को डंडे से अजय और फजलदीन पर हमला करते देखा। आरोपी के साथ उसके तीन भतीजे थे, जिन्होंने दोनों को पकड़ रखा था जबकि अशोक कुमार ने डंडे और ईंट से वार किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फॉरेंसिक साक्ष्य, खून से सने कपड़े, हत्या में इस्तेमाल हथियार और घटनास्थल से बरामद वस्तुएं अदालत में पेश की गईं। मेडिकल अधिकारियों, फार्म हाउस के प्रबंधक, अन्य चौकीदारों और जांच अधिकारियों की गवाही ने अभियोजन पक्ष की कहानी को मजबूती दी।

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