चार लाख, 40 हजार बच्चों का आधार बनाने का रखा गया था लक्ष्य स्कूलों में नामांकित बच्चों का आधार कार्ड होना अनिवार्य है। जिन बच्चों का आधार कार्ड होगा, उन्हीं बच्चों का “ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार आईडी) जनरेट हो पाएगा। शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुसार सरकारी एवं निजी स्कूलों को कक्षा एक से 12वीं तक में नामांकित बच्चों का आधार कार्ड के साथ-साथ अपार आईडी होना अनिवार्य है। जिले के सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं में नामांकित 10 लाख, 23 हजार बच्चों में से अब तक पांच लाख, छह हजार बच्चों की ही अपार आईडी जनरेट हो पाई है। शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश के बाद भी जिले में स्कूलों में बच्चों का पिछले (जनवरी से मार्च) तीन माह में तीन लाख, 20 हजार का आधार कार्ड बनाया पाया है जबकि विभाग ने तीन माह में चार लाख, 40 हजार बच्चों का आधार कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा था। माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने तकनीकी कारणों से जिले के स्कूलों में आधार कार्ड बनाने पर रोक दी है। इसके कारण बच्चों के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। हालांकि इच्छुक विद्यार्थी जिले के विभिन्न आधार केंद्र पर जाकर अपना आधार कार्ड बनवा रहे हैं। विभाग की ओर से जुलाई में फिर से आधार केंद्र खोले जाने की संभावना है।