‘जो जमीन देखता, खेमका उसे खरीदते, इसीलिए हत्या कराई’:पूछताछ में अशोक बोला- मेरी इमेज खराब हो रही थी, JP गंगा पथ पर शूटर से डील की

गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच जारी है। साजिश रचने वाले अशोक साव और गोली मारने वाले उमेश कुमार से पूछताछ के बाद पुलिस को कई नए तथ्य मिले हैं। अबतक की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि खेमका की हत्या जमीन की खरीद-बिक्री के विवाद में ही हुई है। लोहा कारोबारी अशोक साव जमीन की खरीद-बिक्री करता था। उसने कहा कि जब भी हम किसी जमीन काे खरीदने की बात करते थे तो गोपाल भी उसमें शामिल हो जाते थे। वह मेरा रेट बिगाड़ देते थे और जमीन खरीद लेते थे। ऐसा उन्होंने कई बार किया। इससे मेरा काम तो बिगड़ ही रहा था, समाज में मेरी प्रतिष्ठा भी धूमिल हो रही थी। इसी कारण उनकी हत्या की साजिश रची। उमेश को 9 एमएम की पिस्टल देकर उनकी हत्या करवा दी। गोपाल खेमका भी जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल थे, यह जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस अब कोर्ट से आदेश लेकर खेमका के इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट की जांच करेगी। अब हत्या की 4 तस्वीरें देखिए… उमेश ने दियारा में फायरिंग की प्रैक्टिस की अशोक साव मार्च से ही गोपाल खेमका की हत्या की साजिश में जुट गया था। उसने मार्च में ही उमेश के नाम पर दो सिम और मोबाइल खरीदे। एक मोबाइल और सिम खुद रखा, दूसरा उमेश को दे दिया। दोनों उसी पर बात करने लगे। अप्रैल में एक दिन जेपी गंगा पथ पर अशोक ने उमेश को बुलाया और कहा कि गोपाल खेमका की वजह से उसका काफी नुकसान हो रहा है। उसे रास्ते से हटाना है। शूटर से बात करो। एक-दो दिन बाद हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा से बात करने के बाद उमेश ने कहा कि शूटर बहुत पैसे लेगा। तब उमेश ने ही अशोक से कहा कि मैं आपका काम कर दूंगा। इसके लिए 4 लाख की डील हुई। 50 हजार उमेश ने एडवांस में लिया। उससे बच्चों की फीस जमा की। जून के आखिरी हफ्ते में अशोक ने उमेश को पिस्टल और 9 एमएम के दो कारतूस दिए। गंगा किनारे दियारा में उमेश ने फायरिंग करने की प्रैक्टिस की। इसके बाद 5 दिनों की रेकी के बाद 4 जुलाई की रात उमेश ने गोपाल खेमका की हत्या कर दी। उमेश ने 5 दिन तक की रेकी गोपाल खेमका हर दिन रात 8 बजे बांकीपुर क्लब पहुंचते थे। वहां रमी खेलते थे। इसके बाद रात करीब 11:30 बजे घर आते थे। उमेश ने पहले अपनी बाइक का नंबर बदला और पांच दिन तक बांकीपुर क्लब से कटारुका निवास तक उनकी रेकी की। 4 जुलाई की रात वह कटारुका निवास के पार्किंग स्टैंड में अपनी बाइक लगा कर गोपाल खेमका के आने का इंतजार करने लगा। जैसे ही वह पहुंचे और गेट खुलने का इंतजार कर रहे थे कि उमेश पहुंचा और गोली मार दी। इसके बाद वहां से भागकर बिहारी मिल काॅलोनी होते मालसलामी स्थित अपने घर पहुंचा। दूसरे दिन बाइक का नंबर सही किया। फिर अशोक ने मालसलामी पहुंच कर उसे 3.50 लाख रुपए, मोबाइल और सिम दिया। यही रुपए, पिस्टल, कारतूस उमेश के घर से बरामद हुए।

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