‘जो धंधे में नई लड़की, उसका रेट 15 हजार’:किशनगंज रेड लाइट एरिया से भागी नाबालिग, बोली-नशीली दवा देकर 25 आदमियों के पास भेजा

किशनगंज रेलवे स्टेशन से करीब 2KM दूर खगड़ा रेड लाइट एरिया है, जहां से गुरुवार को 15 साल की नाबालिग लड़की वॉशरूम के बहाने भाग निकली। वो रेड लाइट से खगड़ा के पासवान टोला में एक घर में छिप गई। इसके बाद गांववालों की सूचना पर किशनगंज टाउन थाना मौके पर पहुंची और नाबालिग का रेस्क्यू किया। साथ ही रेड लाइट एरिया की सरगना मुन्नी देवी और उसके परिवार वालों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की गई। नाबालिग ने पुलिस को अपने साथ एक साल तक हुए आपबीती की भी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस गुरुवार की देर शाम खगड़ा में मुन्नी के घर छापेमारी करने पहुंची, लेकिन वो घर पर नहीं थी। फिलहाल, पुलिस नाबालिग से पूछताछ कर रही है। लड़की कहां की रहने वाली है? वो कैसे रेड लाइट एरिया तक पहुंची? एक साल तक उसके साथ क्या-क्या हुआ? मुन्नी के जरिए वो कैसे कस्टमर को डील करती थी? पढ़िए इस रिपोर्ट में… पहले दो तस्वीर देखिए…. ‘पापा को कैंसर होने पर भीख मांगती थी नाबालिग नाबालिग ने बताया, मैं असम की रहने वाली हूं। मेरे पापा सड़क पर भीख मांगकर हम लोगों को बड़ा किए हैं। साल 2021 में मेरे पापा को कैंसर हो गया। इसके बाद उनकी तबीयत बहुत खराब रहने लगी। इस वजह से मैं और मेरी छोटी बहन घर की जिम्मेदारियों को उठाने के लिए सड़क पर आ गए। हम लोग जगह-जगह जाकर भीख मांगते थे। एक दिन में जो मांग कर पैसे होते थे, उससे घर का राशन और पापा के लिए दवा लेकर जाते थे। वहीं, हम कुछ काम की तलाश भी कर रहे थे। अगल-बगल वालों से काम भी मांगते थे, लेकिन किसी ने हमें काम नहीं दिया। जुलाई 2024 में मैं और मेरी बहन एक औरत से भीख मांग रहे थे। तभी उसने हमसे कहा, भीख क्यों मांग रही हो? हमने उसे अपनी परेशानी बताई। इसके बाद उसने कहा, पूर्णिया में एक महिला है, जो प्लास्टिक और पुड़िया बनाने की फैक्ट्री चलाती है। तुम दोनों वहां काम करोगी तो 10 हजार रुपए मिल जाएंगे। मैंने बिना कुछ सोचे समझे महिला को हां कह दिया। इसके बाद उसी दिन मैं और मेरी बहन ने महिला के साथ असम से पूर्णिया वाली ट्रेन पकड़ लिया, लेकिन वो हम दोनों के साथ किशनगंज रेलवे स्टेशन पर ही उतर गई। पहले ही दिन महिला हम दोनों को अपने साथ मुन्नी के यहां लेकर पहुंची। पहले दिन ही देह व्यापार के काम में उतार दिया महिला ने मुन्नी देवी से कुछ बात की और हम लोगों को छोड़कर चली गई। फिर मुन्नी हमें एक खंडहर टाइप घर में लेकर गई। उस घर में 20 लड़कियां पहले से थी। हम दोनों बहनें ये देखकर दंग रह गए। इसी दौरान मुन्नी देवी ने हम दोनों बहनों को चेतावनी दी और कहा- तुम्हें कस्टमर के पास भेजा जाएगा। पहले दिन ही देह व्यापार के धंधे में उतार दी। नशीली दवाई देकर कस्टमर के पास भेजती थी पीड़िता ने बताया कि, मुन्नी देवी पहले पानी में नशीली दवा मिलाकर दी, फिर एक लड़के के साथ होटल भेज दी। उसने मुझे एक व्यक्ति (40) के पास छोड़ दिया। एक साल तक इसी तरह से नशीली दवाई देकर मुन्नी देवी मुझे 20 से 25 कस्टमर के पास भेजती रही। नशीली दवा लेने से शरीर में तेज बदलाव होने लगे थे। मैं पुरानी बातें भूलने लगी थी। इसके बावजूद मैंने कई बार भागने की कोशिश की, लेकिन हर बार पकड़ी जाती थी। ‘15,000 में VIP कस्टमर को बेचा जाता था’ पीड़िता ने आगे कहा कि, मुन्नी के सिंडिकेट में नाबालिगों को ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’ के नाम पर बड़े होटलों में भेजा जाता था। यहां उनकी डील 1500 से 2000 रुपए में तय होती थी, लेकिन सारा पैसा मुन्नी ही रख लेती थी। कस्टमर न होने पर पश्चिम बंगाल के पंजीपारा, इस्लामपुर जैसे इलाकों में दवा खिलाकर भेज दिया जाता था। नए लड़कियों के लिए लाखों रुपए तक वसूले जाते थे, जबकि ग्राहकों से 10 हजार से 15 हजार रुपए ‘वीआईपी सर्विस’ के नाम पर लेती थी। मुन्नी का परिवार सालों से इस धंधे में लिप्त है। वह खुद किशनगंज की रहने वाली है। पैसे की लालच में इस काले कारोबार में आई। छोटी बहन अभी भी रेड लाइट एरिया में मौजूद पीड़िता ने बताया, मुन्नी के आवास में एक गुप्त तहखाना है, जहां पुलिस छापेमारी के दौरान लड़कियों को छिपा दिया जाता था। दो बार छापे पड़े, लेकिन सुराग न मिलने से मामला दब गया। इस जद में कई नाबालिग अभी भी फंसी हैं। छोटी बहन के बारे में पूछने पर वह बोली, ‘मुझे नहीं पता वह कहां रखी गई है, लेकिन वह अभी भी रेड लाइट एरिया में है। दवा के नशे से मैं अपना घर तक भूल चुकी हूं, बस इतना याद है कि असम में रहती थी। मुन्नी का पूरा परिवार इस धंधे में है संलिप्त पीड़िता ने बताया, मुन्नी का पूरा परिवार इस अवैध धंधे में संलिप्त है। उसके पति मंजूर खलीफा, बहन छोटी मुन्नी (जो पंजीपारा में धंधा चलाती है), भाई मोहम्मद कयूम अंसारी और मोहम्मद कुर्बान अंसारी, साथ ही पार्टनर मेहरून नशा सभी किशनगंज से पश्चिम बंगाल तक फैले इस सिंडिकेट के अंग हैं। मुन्नी फोन पर बड़े ग्राहकों से डील करती थी। इसके बाद लड़कियों को उन जगहों पर भेजती थी। घर बैठे बिहार-पश्चिम बंगाल का नेतृत्व करने वाली मुन्नी के जाल में फंसकर कई नाबालिग बर्बाद हो चुकी हैं। पीड़िता ने बताया, गुरुवार को मैं वॉशरूम के बहाने ऊपर वाले कमरे में पहुंची। वहां से खिड़की के जरिए मैं भाग निकली। मुझे डर था कि मैं हर बार की तरह इस बार भी पकड़ी जाऊंगी। इस वजह से मैं एक घर में छिप गई। आधे घंटे बाद जब उस घर के व्यक्ति ने मुझे वहां देखा तो उन्होंने पूरे गांव वालों को इसकी जानकारी दी। उनकी मदद से मैं टाउन थाने तक पहुंची। पीड़िता की छोटी बहन की तलाश जारी टाउन थाना पुलिस ने पीड़िता को थाने ले जाकर गहन पूछताछ की और उसके बयान पर मुन्नी सिंडिकेट के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। एसपी के निर्देश पर विशेष टीम गठित कर छापेमारी की योजना है। एसपी सागर कुमार ने बताया कि बच्ची का मेडिकल करवाया जा रहा है। वन स्टाफ सेंटर की महिला पदाधिकारी बच्ची से पूछताछ कर रही है। पूछताछ के बाद पीड़िता को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के हवाले कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक उस महिला के बारे में पता नहीं चल सका है, जो दोनों बहनों को लेकर असम से किशनगंज तक पहुंची थी।

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