झज्जर में सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज वाल्मीकि के प्रकट दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। सांसद उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के अनुयायियों ने सदैव कांग्रेस का साथ दिया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि ने अपनी कलम के माध्यम से न्याय, मर्यादा, सच्चाई को परिभाषित करने का काम किया। आज भारत में दलित, पिछड़े, गरीब, वंचित वर्ग से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। देश के मुख्य न्यायाधीश पर हमला इस बात का पुख्ता प्रमाण है। ऐसा करके न्यायपालिका को भयभीत करने के प्रयास किये जा रहे हैं। लोकतंत्र-संविधान की आत्मा पर प्रहार सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने देश के सर्वोच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की कोशिश की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। ये हमला लोकतंत्र और संविधान की आत्मा पर प्रहार है और भारतीय न्यायपालिका की गरिमा, कानून के शासन की मूल भावना पर हमला है। घृणा की राजनीति का भयावह परिणाम उन्होंने कहा कि यह घटना सत्ता में बैठे लोगों द्वारा फैलाई जा रही नफरत और घृणा की राजनीति का भयावह परिणाम है, जिसने पूरे समाज में जहर घोल दिया है। देश में नफरत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है। समाज के कमजोर तबके की हिस्सेदारी छीनी जा रही है। आज देश में ऐसी ताकतें काबिज हैं, जो बाबा साहब डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए संविधान को बदलने और खत्म करने पर आमादा हैं। संवैधानिक संस्थाएं लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बनी हैं, लेकिन सत्ता में बैठे कुछ लोग निरंकुश हो गए हैं। उनकी तानाशाही के रास्ते में बाबा साहब का संविधान बड़ी रुकावट है। आम आदमी करेगा संविधान की रक्षा-हुड्डा वे संविधान की मूल भावना का तिरस्कार कर रहे हैं। हिंदुस्तान का आम आदमी हर हाल में बाबा साहब के संविधान की रक्षा करेगा, क्योंकि वो समझ चुका है कि बाबा साहब द्वारा निर्मित संविधान ही उसका रक्षक है। सत्ता में बैठी फिरकापरस्त ताकतें संवैधानिक संस्थाओं पर हमला कर तानाशाही राज स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं, ताकि गरीब का हक मारा जा सकें, हम ऐसा कतई नहीं होने देंगे।