झांसी स्टेशन पर डिलीवरी, दिया बच्ची को जन्म:TTE और रेलवे डॉक्टर ने कराया प्रसव, गोरखपुर-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से उतरी थी महिला

झांसी रेलवे स्टेशन के ओवर ब्रिज पर महिला यात्री की रेलवे के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और महिला टिकट चेकिंग कर्मियों ने डिलीवरी कराई है। इसके बाद दोनों को आगे की देखभाल के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इसमें स्टेशन पर मौजूद आर्मी में डॉक्टर ने भी सहायता की, जिसके बाद सफल प्रसव संभव हुआ। दरअसल, मध्य प्रदेश के शिवपुरी के आसपुर गांव का रहने वाला अखिलेश कुमार और उसकी पत्नी राजकुमारी कानपुर में रहकर रेलवे के ठेकेदार के पास काम करते हैं। 2 तस्वीरें देखिए ठेकेदार ने पैसे देने से इनकार कर दिया
अखिलेश ने बताया-ऐन मौके पर ठेकेदार ने पैसे देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे। उसने अपनी मौसी से किराए के पैसे उधार लिए और गर्भवती पत्नी के साथ झांसी आने के लिए गोरखपुर-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में सवार हो गया। यहां ट्रेन जैसे ही झांसी पहुंची तो राजकुमारी को प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर रेलवे से दूसरे यात्री ने दर्द से तड़प रही राजकुमारी के लिए मदद मांगी। यहां जैसे ही रेलवे के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने रेल के डॉक्टर सुजीत कुमार, नर्स और आया को स्टेशन भेजा। महिला इससे पहले की प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर आ पाती, उसकी हालत ओवर ब्रिज पर ही बिगड़ने लगी। टिकट चेकिंग स्टाफ ने मदद की
यह देख डॉक्टर ने ब्रिज पर ही महिला टिकट चेकिंग स्टाफ, रेलवे अस्पताल की नर्स और आर्मी के डॉक्टर मेजर रोहित की मदद से ब्रिज पर ही महिला की डिलीवरी करा दी। यहां रेल प्रशासन ने मदद के लिए महिला टिकट चेकिंग कर्मी लिली कुशवाहा, राखी कुशवाहा, ज्योतिका साहू और कविता अग्रवाल को भी प्लेटफॉर्म नंबर-2 की लिफ्ट के पास ओवर ब्रिज पर गर्भवती के पास तुरंत भेज दिया। स्टेशन पर सुरक्षित प्रसव कराने के बाद डॉक्टर ने मां और बच्ची को बेहतर देखभाल के लिए हायर सेंटर में भर्ती कराने की सलाह दी। एम्बुलेंस से दोनों को मेडिकल कॉलेज भिजवाया। मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा-झांसी स्टेशन पर हमारे हॉस्पिटल के डॉक्टर सुजीत, नर्सिंग स्टाफ और आर्मी के डॉक्टर ने हर काम को दरकिनार कर सबसे पहले मानवता का धर्म निभाया। इतना ही हमारे ही स्टाफ में शामिल लिली कुशवाहा ने बच्ची को सुरक्षित रखने के लिए अपनी यूनिफॉर्म पर भी ध्यान नहीं दिया। ये हमारे लिए खुशी की बात है, जो यहां दो बार किलकारी गूंजी। रेलवे के डॉक्टर ने प्रसव कराया है। हालांकि, आर्मी के डॉक्टर संयोगवश वहां मौजूद थे, तो उन्होंने भी सहायता की है।

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