पूर्णिया में रविवार देर रात से लापता एक ही परिवार के 5 लोगों की सोमवार को लाशें मिली हैं। गांव वालों को परिवार की एक महिला पर डायन होने का शक था। इसे लेकर भीड़ ने 5 लोगों के साथ पहले मारपीट की। इसके बाद उन्हें घसीटते हुए चौराहे तक लाए फिर पीटा। करीब डेढ़ किलोमीटर दूर ले जाकर पांचों को जिंदा जला दिया। मृतक सीता देवी की मां रुपो देवी ने भास्कर को बताया- ‘लड़ाई-झगड़ा हुआ तो मेरी बेटी को बुलाया। पिटाई करके सिर फोड़ दिया, फिर बोरी में पैक करके पता नहीं उसके साथ क्या किया।’ ‘डायन का आरोप लगाया और कहा कि तुम लोगों ने मेरे बच्चे को खा लिया है। तब मेरी बेटी सीता ने कहा कि ठीक है, अगर मैंने ऐसा किया है तो मुझे लेकर चलो।’ ‘फिर दामाद बाबूलाल उरांव, उसके बेटे और बहू रनिया देवी, मंजित कुमार और बाबूलाल की मां कागतो देवी को साथ ले गए। पता नहीं कहां ले जाकर पहले लाठी-डंडे से पिटाई की। इसके बाद जिंदा जला दिया।’ पढ़िए अंधविश्वास में 5 लोगों को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारने की पूरी कहानी…. घर में घुसकर 50 से ज्यादा लोगों ने हमला किया टेटगामा गांव और आसपास के 3 से ज्यादा गांवों में उरांव जाति के लोग रहते हैं। इनमें बाबूलाल उरांव का भी परिवार भी शामिल है। बाबूलाल उरांव खेती, मजदूरी के साथ-साथ झाड़फूंक का काम करते थे। 65 साल के बाबूलाल उरांव अपनी पत्नी 60 साल की सीता देवी, बेटे 25 साल के मंजित उरांव, बहू 22 साल की रनिया देवी और 80 साल की मां कागतो देवी के साथ रहते थे। बाबूलाल का एक बेटा 16 साल का सोनू भी उनके साथ रहता था, लेकिन घटना के दौरान किसी तरह उसने भागकर अपनी जान बचाई और पूरे घटना की जानकारी अपनी चाची को दी। बाबूलाल का एक और बेटा 19 साल का ललित गांव से बाहर किसी काम से गया था, जो घटना के बाद सोमवार सुबह करीब पांच बजे गांव पहुंचा। पूर्णिया में 3 महिलाओं समेत 5 लोगों की पहले लाठी-डंडे से पिटाई की गई, इसके बाद उन्हें जिंदा जलाकर मार डाला गया। इसके बाद आरोपियों ने पांचों लाशों को जलकुंभी से भरे पानी के गड्ढे में फेंक दिया। घटना का खुलासा तब हुआ, जब बाबूलाल के बेटे 16 साल के सोनू ने अपनी चाची के घर जाकर पूरे घटना की जानकारी दी। इसके बाद उसने अपने बड़े भाई को भी कॉल कर कहा- ‘भइया, दादी, मम्मी-पापा, भइया-भाई को मार दिया है। मामले की जानकारी के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।’ ‘उनसे पूछताछ के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। कहा जा रहा है कि इस वारदात में तीन गांव के करीब 50 लोग शामिल थे। घटना पूर्णिया के मुफ्फसिल थाना के रजीगंज पंचायत के टेटगामा गांव की है।’ रविवार रात 10 बजे: बाबूलाल के घर हमला हुआ मृतक सीता देवी की मां ने बताया- ‘पांचों लोगों को बोरी में भरकर ट्रैक्टर से डेढ़ किलोमीटर दूर गांव की कच्ची सड़क पर बहियार के पास ले गए। घटनास्थल से 200 मीटर दूर एक बार फिर से उनकी पिटाई की और सुबह करीब एक से डेढ़ बजे के बीच डीजल डालकर उन्हें जलाकर मार डाला। इसके बाद लाश को घसीटकर जलकुंभी से भरे पानी में फेंक दिया।’ सोमवार सुबह 2 बजे: छोटे भाई ने बड़े को फोन कर जानकारी दी बाबूलाल के छोटे बेटे सोनू ने अपने बड़े भाई ललित को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। उसने भाई से कहा कि ‘भइया जल्दी घर आ जाओ। मुझे डर लग रहा है। सोनू के बड़े भाई ललित ने बताया कि रात में दो बजे मेरे भाई सोनू ने फोन किया था। उस वक्त वो डरा हुआ था। फोन पर सिर्फ रो रहा था, कुछ नहीं बता पा रहा था।’ ‘जब मैंने जोर देकर पूछा तो बताया कि मम्मी-पापा और भइया-भाभी को जिंदा जला दिया है। फिर मैं सुबह करीब 5 बजे घर आया। डायन बताकर मेरे परिवार को बस्ती के लोगों ने फंसाया था।’ ;इसके बाद जिंदा जलाकर लाशों को पानी में फेंक दिया। शुरुआत में आरोपियों से हम लोग पूछते रह गए, लेकिन ये नहीं बताया कि लाश को कहां फेंका है। जब पुलिस आई, तो पता चला कि लाश को डेढ़ किलोमीटर दूर फेंका है।’ वारदात की 2 तस्वीरें देखिए… गिरफ्तार तीन में से एक आरोपी के उकसावे पर वारदात सदर DSPO पंकज शर्मा ने बताया कि ‘गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम नकुल कुमार है, जिस पर आरोप है कि उसी ने गांव के लोगों को उकसाया था और कहा था कि बाबूलाल का परिवार ओझा-गुनी और झाड़फूंक करता है।’ ‘बाबूलाल समेत उसके परिवार में शामिल 3 महिलाओं समेत एक अन्य पुरुष की पहले जमकर पिटाई की गई, इसके बाद उनकी जिंदा जलाकर हत्या कर लाश को खेत में पानी का गड्ढे में फेंक दिया था।’ ‘रविवार रात एक बजे की घटना है। गांव के लोगों की ओर से जैसे ही हम लोगों को सूचना मिली, हम लोग मौके पर पहुंचे। हम लोगों को पता चला कि एक ही परिवार के पांच लोग गायब हैं। गांव में कोई भी पुरुष नहीं था, लिहाजा हम लोगों को गायब पांचों लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।’ 12 घंटे तक लाशें ढूंढती रही पुलिस पुलिस के मुताबिक, ‘सोमवार सुबह करीब 5 बजे वारदात की सूचना मिली। इसके बाद एक घंटे में पुलिस की टीम गांव में पहुंच गई। मृतक बाबूलाल के छोटे बेटे ने एक पॉइंट बताया, जहां पांचों लोगों को जलाया गया था। फिर पुलिस ने उसके आसपास तलाश अभियान चलाया।’ ‘करीब 10 से 11 घंटे तक सर्चिंग अभियान चलाया, लेकिन लाश नहीं मिली। आखिर में स्निफर डॉग को लाया गया, जिसकी मदद से 12 घंटे बाद यानी शाम साढ़े छह बजे जलकुंभी लगे एक तालाब में सभी पांच लाश को बरामद कर लिया गया।’ ‘जानकारी के बाद SP स्वीटी सहरावत भी मौके पर पहुंची, लोकल थाना के SHO भी मौके पर पहुंचे। फिलहाल, हम लोगों ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।’ ‘ऐसा माना जा रहा है कि मृतक पांचों लोग झाड़-फूंक और ओझा-गुनी करते थे। मृतक और गांव के लोगों का शक था कि इन्होंने ही बच्चे को मार डाला। फिलहाल, वारदात में कितने लोग शामिल थे, पांचों लोगों की मौत पिटाई से हुई है या फिर जिंदा जलाने से, इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।’