डॉक्टर का इकलौता बेटा जिस बालकनी से गिरा…वहां काई:फिसलने के निशान मिले, झांसी में भाई ने कहा-मेडिसन का बड़ा डॉक्टर बनने का ख्याब था

झांसी मेडिकल कॉलेज में MBBS छात्र सार्थक खन्ना की हॉस्टल की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। वो जिस बालकनी से नीचे गिरा, वहां काफी काई जमा थी और पानी भी भरा था। काई में पैर फिसलने के निशान भी मिले हैं। पोस्टमॉर्टम में आंख के ऊपर गहरी चोट मिली है। जो उसकी मौत की वजह बनी है। हालांकि, पेट में काला पदार्थ मिला है। इसका पता लगाने के लिए बिसरा जांच के लिए भेजा गया है। माना जा रहा है कि छात्र बालकनी से करीब 25 फीट नीचे माथे के बल गिरा। कुछ देर तक मौके पर पड़ा रहा तो काफी खून बह गया और चोट की वजह से उसकी मौत हो गई। मौत की खबर पाकर मां निधी खन्ना, चचेरा भाई गौरव मल्होत्रा समेत अन्य परिजन मंगलवार शाम को झांसी पहुंचे। इकलौते बेटे की लाश देखकर मां निधी लड़खड़ा कर गिर गई और रोने लगी। दो लोगों ने उनको सहारा देकर कुर्सी पर बैठाया। शाम को परिजन शव लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गए। छात्र की मौत के बाद सिस्टम भी सवालों के घेरे में है। जिस हॉस्टल से सार्थक गिरा, वहां नर्क जैसे हालात हैं। सफाई न होने की वजह से बालकनी में काई जम गई। यही नहीं, पूरे हॉस्टल के अंदर गंदगी ही गंदगी पसरी है। बदबू इतनी कि सास लेना भी दूभर है। जांच करने गए पुलिसकर्मियों को भी मुंह पर रुमाल बांधना पड़ा। 2 तस्वीरें देखिए एक दिन पहले ही आया था सार्थक
22 साल का सार्थक खन्ना लखनऊ के निराला नगर का रहने वाला था। उसके पिता रवि खन्ना भी डॉक्टर है। जबकि मां निधि खन्ना स्कूल चलाती हैं। सार्थक 2022 बैच का स्टूडेंट था। वो पैरामेडिकल कॉलेज में सरदार वल्लभभाई पटेल हॉस्टल के रूम नंबर 58 में रहता था। थर्ड ईयर के छात्र सिद्धार्थ ने बताया- सार्थक खन्ना मंगलवार रात को लखनऊ इंटरसिटी से लौटकर आया था। रात को कमरे का कूलर और पंखा नहीं चलने की वजह से कमरे में काफी गर्माहट थी। इसके कारण वह रूम नंबर 60 में दोस्त युवराज के साथ लेट गया था। बालकनी में गया और गिर गया
एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने बताया- मंगलवार सुबह करीब 6 बजे देखा तो सबकुछ ठीक था। लेकिन सुबह करीब 7:45 बजे देखा तो हॉस्टल के नीचे जमीन पर सार्थक लहूलुहान हालत में पड़ा था। मौके पर खून ही खून पड़ा था। इससे हड़कंप मच गया। हॉस्टल के छात्र उस मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी में लेकर आए। जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। भाई ने कहा- सार्थक की तबीयत खराब थी, फिसलकर गिरा
सार्थक के चचेरे भाई डॉ. गौरव मलहोत्रा ने बताया- मेरे छोटे भाई सार्थक रात को लेट सोया था। उसकी तबीयत खराब थी। सुबह बालकनी में गया तो पैर फिसल गया। इससे उसे चोट आ गई। डॉक्टरों ने इलाज किया, मगर उसे बचा नहीं पाए। सार्थक हमेशा कहता था कि वो मेडिसन का बड़ा डॉक्टर बनना चाहता है। उसे खाने-पीने का शौक था। जिम का भी शौकीन था। उसे जानवरों से बहुत लगाव था। उसका एक डॉगी भी है, जिसे वो बहुत चाहता था। हॉस्टल के एक कर्मचारी ने बताया- रात को सार्थक की हालत कुछ ठीक नहीं थी। वो उल्टियां कर रहा था। सुबह वो उल्टी करने ही बालकनी में आया और नीचे गिर गया। पिता भी झांसी मेडिकल कॉलेज पासआउट
सार्थक के परिवार का झांसी से गहरा नाता रहा। सार्थक के पिता डॉ रवि खन्ना भी झांसी मेडिकल कॉलेज के पासआउट है। उन्होंने 1985 में MBBS की थी। सार्थक पढ़ने में बहुत ही इंटेलिजेंट था। उसने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से 10वीं और नवयुग रेडियंस स्कूल से 12वीं पास की थी। 10वीं क्लास में 96 प्रतिशत और 12वीं क्लास में 94 प्रतिशत अंक आए थे। उसने पहली बार में ही नीट एग्जाम क्वालीफाई कर लिया था। उसने झांसी मेडिकल कॉलेज दाखिला लिया था। पिछले साल एक्सीडेंट हुआ, 3 माह वेंटिलेटर पर रहा
सार्थक खन्ना का 2024 में भीषण हादसा हुआ था। वो दोस्तों के साथ ट्रिप पर जा रहा था। तब उसका एक्सीडेंट हो गया। इसके बाद वो करीब 3 महीने तक झांसी मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर रहा था। काफी इलाज के बाद उसकी जान बच पाई थी। सार्थक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। परिवार में माता–पिता के अलावा एक बड़ी बहन नारायनी खन्ना है। सार्थक के पिता की तबीयत खराब रहती है। इसलिए वो झांसी नहीं आए। बैच के छात्र-छात्राएं पहुंचे, भर आई आंखें
सार्थक के शव का शाम को पोस्टमॉर्टम हो रहा था। इस दौरान थर्ड ईयर के 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को बाहर लाकर रखा गया। जहां सभी छात्र-छात्राओं ने श्रद्धांजलि दी। शव को देखकर साथी छात्र-छात्राओं की आंखें भर आईं। गमगीन माहौल में परिजन शव को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गए। ———————— ये खबर भी पढ़ें:- लखनऊ के डॉक्टर का इकलौता बेटा हॉस्टल से गिरा, मौत:झांसी में MBBS कर रहा था; दोस्त के साथ रुका था, सुबह बालकनी से गिरा झांसी मेडिकल कॉलेज में MBBS छात्र की हॉस्टल की दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। वह लखनऊ का रहने वाला था। उसके पिता डॉक्टर हैं, जबकि मां स्कूल चलाती हैं। मंगलवार रात वह लखनऊ से झांसी आया था। कमरे में लाइट न होने की वजह से वह हॉस्टल में अपने दोस्त के रूम में सोया था। पढ़ें पूरी खबर

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