पटना जिले के मसौढ़ी अंचल में “डॉग बाबू” के नाम से जारी निवास प्रमाण-पत्र मामले की गंभीरता से जांच की। डीएम डॉ. त्यागराजन मंगलवार को खुद मौके पर पहुंचे। उनके साथ नगर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) भी मौजूद थे। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कार्य अनजाने में नहीं, बल्कि सोच-समझकर किया गया है। गलत साक्ष्य के आधार पर प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन दिया गया था। यह एक बुरी प्रयास है, जिससे राज्य सरकार और जिला प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। इस मामले में दोषियों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। आईटी सहायक को नौकरी से हटाया गया प्रशासन ने “डॉग बाबू” के नाम पर जारी किया गया निवास प्रमाण-पत्र तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। डीएम ने बताया कि आईटी सहायक ने आवेदन को बिना सही जांच के आरओ लॉगिन कर दिया था। इस लापरवाही के कारण उसे तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है। राजस्व अधिकारी ने बिना आवश्यक जांच किए गलत साक्ष्यों पर भरोसा करके प्रमाण-पत्र जारी कर दिया था। अब इस अधिकारी को निलंबित करने की अनुशंसा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से की गई है। फर्जी पहचान पत्र और शपथ-पत्र का हुआ दुरुपयोग इस पूरे मामले में आवेदन करने वाले ने किसी दूसरे व्यक्ति के पहचान पत्र का गलत इस्तेमाल किया और झूठा शपथ-पत्र देकर फर्जी प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन दिया। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस अनुसंधान कर रही है और कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। मामले की विधिवत जांच जारी है और इसकी तह तक जाया जाएगा। दिल्ली की महिला निवासी के आधार कार्ड का किया गया दुरुपयोग जैसे ही “डॉग बाबू” के नाम से प्रमाण-पत्र जारी होने की बात सामने आई, जिलाधिकारी ने मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। रिपोर्ट में यह पाया गया कि एक महिला (जो दिल्ली की निवासी है) के आधार कार्ड का दुरुपयोग करते हुए निवास प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया गया था। इस मामले में स्थानीय थाने में तीन लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच के दौरान जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, मसौढ़ी के अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। 1. आवेदन देने वाला व्यक्ति 2. आईटी सहायक 3. प्रमाण-पत्र जारी करने वाले राजस्व अधिकारी