भास्कर न्यूज | अमृतसर/तरनतारन शुक्रवार को जिन विधायक डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के निधन ने तरनतारन स्तब्ध हो गया, वही सोहल कभी एक महिला फरियादी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस के सबसे ऊंचे अधिकारियों से भिड़ गए थे। मामला जुलाई 2023 का है, जब एक बैठक के दौरान डॉ. सोहल ने डीएसपी और एसएचओ से एक पीड़िता की शिकायत पर कार्रवाई की मांग की। लेकिन उस समय न सिर्फ अफसरों ने अनदेखी की बल्कि एसएसपी ने तो विधायक से फोन पर बात तक काट दी। सोहल ने इस व्यवहार को जनप्रतिनिधि की गरिमा के खिलाफ माना बल्कि लोकतंत्र की रीढ़ जनता का भी अपमान माना। फिर इस पूरे मामले को पंजाब विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने उठाया। नतीजा ये हुआ कि एसएसपी गुरमीत सिंह चौहान, डीएसपी जसपाल सिंह ढिल्लों और एसएचओ गुरचरण सिंह को समिति ने तलब किया, जहां तीनों ने विधायक से माफी मांगी और भविष्य में ऐसा व्यवहार न दोहराने की बात कही। डॉ. कश्मीर सिंह सोहल का जन्म 20 फरवरी 1959 को गांव डेरा सोहल, जिला अमृतसर में हुआ था। डॉ. सोहल ने कॉलेज के दौरान छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।वह 10 साल तक पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज स्पेशलिस्ट डॉक्टर यूनियन के अध्यक्ष भी रहे। 2013 में सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में एंट्री ली। 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उन्हें पहली बार तरनतारन से टिकट दिया, जहां उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के 3 बार के विधायक हरमीत सिंह संधू को 13,588 वोटों से हराया। डा. सोहल ने 52,935 वोट हासिल किए थे। विधायक सोहल का ये एक ऐसा किस्सा है जो उन्हें आम लोगों के पक्ष में खड़े होने वाले नेता के रूप में यादगार बनाता है। उन्होंने न तो एसएसपी की रैंक देखी और न डीएसपी की अकड़, बल्कि महिला की आवाज को न्याय के स्तर तक पहुंचाने के लिए पूरा सिस्टम हिला दिया। तरनतारन के लोग आज जिस नेता को याद कर रहे हैं, वो किसी सरकारी पद की ताकत नहीं, बल्कि अपने व्यवहार, स्पष्टता और आम जनता के लिए खड़े होने की वजह से पहचाने जाते थे। राजनीतिक हलकों से लेकर सिविल सोसायटी तक, हर जगह एक बात जरूर हुई। ऐसे विधायक बहुत कम होते हैं, जो सच में जनता के लिए लड़ते हैं।