दरभंगा के लहेरियासराय थाना क्षेत्र स्थित लोहिया चौक के बाल सुधार गृह में शनिवार को एक किशोर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक किशोर का शव बाथरूम में फंदे से लटका मिला। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। परिजनों का कहना है कि 17 साल के लड़के को कुछ दिन पहले मोहनपुर में हुई आगजनी और मोबाइल छिनतई के एक मामले में पुलिस ने पकड़ा था। न्यायिक आदेश पर उसे दरभंगा बाल सुधार गृह भेजा गया था। लड़का छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था। मां कैंसर से पीड़ित हैं और उनका इलाज चल रहा है। पिता मजदूरी कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं। बेटे की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद जिलाधिकारी कौशल कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी, सदर एसडीएम विकास कुमार, एसडीपीओ राजीव कुमार और लहेरियासराय थानाध्यक्ष अमित कुमार मौके पर पहुंचे। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग परिजनों ने आरोप लगाया है कि बेटे की हत्या की गई है, और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। 31 अगस्त की रात सिंघवारा थाना क्षेत्र के मोहनपुर वार्ड संख्या 7 में आगजनी और मोबाइल छिनतई की घटना हुई थी। पीड़ित पवन महतो ने थाना में आवेदन देकर बताया था कि रात करीब 10:30 बजे उनके घर में आग लगा दी गई और मौके पर मौजूद मिश्रीलाल ठाकुर का मोबाइल फोन छीन लिया गया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए तीन लड़कों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। फिलहाल, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर डीएमसीएच में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी। बाल सुधार गृह पर लापरवाही का आरोप राजद प्रखंड अध्यक्ष वसी अहमद ने सरकार और जिला प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आत्महत्या का मामला नहीं लगता, बल्कि बाल सुधार गृह की लापरवाही और सिस्टम की नाकामी का नतीजा है। वसी अहमद ने कहा कि “भरत दास सहित तीन लड़कों को चोरी और आगजनी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब यह कहा जा रहा है कि उसने आत्महत्या की है, लेकिन यह सवाल उठता है कि आखिर बाल सुधार गृह में ऐसा क्यों और कैसे हो रहा है? अगस्त में भी ऐसी ही घटना हुई थी और उससे पहले अप्रैल को भी एक किशोर की मौत हुई थी। यह लगातार हो रही घटनाएं बताती हैं कि प्रशासन पूरी तरह फेल है।” उन्होंने आगे कहा कि “अगर यह आत्महत्या है, तो सरकार बताए कि वहां की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है? क्या बाल सुधार गृह में बच्चों की निगरानी के लिए कोई सिस्टम नहीं है? यह घटनाएं बार-बार पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और महादलित परिवारों के बच्चों के साथ क्यों हो रही हैं? यह गंभीर सवाल है।” पंचायत के मुखिया कुमार किशलय ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद और चिंताजनक है। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। जांच निष्पक्ष होनी चाहिए मुखिया कुमार किशलय ने कहा कि “यह बहुत दुखद घटना है। डेढ़ महीना पहले पुलिस लड़के को लेकर गई थी। पहले वह मंडल कारा में था, बाद में बाल सुधार गृह भेजा गया। आज सुबह हमें सूचना मिली कि उसकी हत्या हो गई है, जबकि प्रशासन इसे आत्महत्या बता रहा है। हमें इस पर भरोसा नहीं है। जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।” उन्होंने आगे बताया कि मृतक के परिजन एक दिन पहले ही उनसे मिलने आए थे। “परिजन को लड़के ने कभी यह शिकायत नहीं की थी कि उसे बाल सुधार गृह में प्रताड़ित किया जा रहा है या उसके साथ मारपीट होती है। वह बिल्कुल सामान्य था। ऐसे में यह कहना कि उसने आत्महत्या कर ली, समझ से परे है। यह बात परिवार को भी हजम नहीं हो रही है। पंचायत के सरपंच उदय नारायण मिश्र ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी चौकीदार के माध्यम से मिली, जिसके बाद वे तत्काल मौके पर पहुंचे। सरपंच उदय नारायण मिश्र ने कहा कि “हम लोगों के पहुंचने से पहले ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे।हमें वहां सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा गया कि रात करीब 2 बजे से 2:30 बजे के बीच भरत अपने कमरे से निकलता है और उसके हाथ में गमछा भी है। वह बाथरूम की ओर जाता दिख रहा है, लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटा। सुबह में वहीं उसका शव फंदे से लटका मिला।” सरपंच ने कहा- “बाल सुधार गृह में भरत के साथ रहने वाले एक अन्य किशोर ने बताया कि जब परिजन मिलने आए थे,तब किसी ने उन्हें कहा कि जो जेल में है उसका तो बेल हो गया,लेकिन तुम दोनों का कोई देखने वाला नहीं है, तुम लोगों की बेल नहीं होगी। इसी बात से लड़का बहुत परेशान हो गया था। वह बेचैन रहने लगा था, दीवार में सिर मार रहा था, गुस्से में उपद्रव करने लगा। लगता है इसी मानसिक दबाव में उसने यह कदम उठा लिया।” हालांकि, सरपंच ने यह भी जोड़ा कि यह जांच का विषय है कि घटना वास्तव में आत्महत्या थी या किसी दबाव में की गई कार्रवाई, इसलिए प्रशासन को पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करनी एसडीएम विकास कुमार ने बताया “भरत दास बाल सुधार गृह में मात्र चार दिन पहले आया था। रात के 2 से 2:30 बजे के बीच उसने आत्महत्या कर ली। सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि वो स्वयं गमछा लेकर जा रहा,उसके साथ और कोई नहीं है। प्रथम दृष्टि में मामला आत्महत्या का ही प्रतीत होता है, लेकिन जांच अभी जारी है। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सभी तथ्य सामने आएंगे।” उन्होंने बताया कि लड़का नाबालिग था और अदालत में उसके वकील ने इसे प्रस्तुत किया था।“फाइल में देखा गया कि नाबालिग होने के कारण अदालत ने विचार करते हुए उसे बाल सुधार गृह भेजा। एसडीएम ने आगे कहा कि “मामला गंभीर है। शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा गया। पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट और फर्स्ट क्लास जज की मौजूदगी में, वीडियोग्राफी के साथ कराया गया। मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी, और बाल सुधार गृह में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन आवश्यक कदम उठाएगा।