दरभंगा में 16 साल की नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता की मां ने बेंता थाना में शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई की सुबह 11 बजे बेटी हाई स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी। उसी समय गांव के 4 लड़के वहां पहुंचे। फरान जबरन बेटी को उठाकर अपने घर ले गया। एक कमरे में बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की मां को यह जानकारी गांव के लोगों से मिली। जब वह फरान के घर बेटी को लेने पहुंचीं तो दरवाजा बंद कर दिया गया। समाज के कुछ लोगों की मदद से किसी तरह बेटी को घर लाया गया। महिला ने बताया कि वे अकेली रहती हैं। उनके पति मुंबई में काम करते हैं। घटना की जानकारी मिलते ही वो तुरंत घर लौटे। बेटी की तबीयत बिगड़ने पर 20 जुलाई को उसे अलीनगर अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने हालत गंभीर देख डीएमसीएच रेफर कर दिया। वहां उसका इलाज चल रहा है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की इधर बेनीपुर एसडीपीओ आशुतोष कुमार ने बताया कि अलीनगर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई है। पीड़िता की मां के बयान पर महिला थाना दरभंगा में 21 जुलाई को कांड संख्या 106/25 दर्ज किया गया। इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2), 96, 65, 3(5) बीएनएस और POCSO एक्ट की धारा 4 और 6 लगाई गई है। केस दर्ज होते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी। प्रेम-प्रसंग का है मामला अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बेनीपुर आशुतोष कुमार सूचना मिलते ही अलीनगर थानाध्यक्ष विनय मिश्रा के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। जांच में सामने आया कि घटना 13 जुलाई की है। पीड़िता की मां ने 21 जुलाई को महिला थाना में बयान देकर मामला दर्ज कराया। घटनास्थल पर कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। जांच के दौरान पूर्व के कुछ वीडियो भी मिले। इनका विश्लेषण करने पर पता चला कि पीड़िता अपने ही गांव के एक लड़के के साथ प्रेम संबंध में थी। 13 जुलाई को पीड़िता के उस लड़के के घर जाने की जानकारी परिजनों को मिली। इसके बाद परिजन और कुछ सामाजिक कार्यकर्ता वहां पहुंचे। उन्होंने समझा-बुझाकर पीड़िता को परिजनों को सौंप दिया। पीड़िता के बयान में अन्य लड़कों की संलिप्तता की बात भी सामने आई है। इस बिंदु पर ठोस साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। साथ ही चिकित्सीय और तकनीकी जांच भी की जा रही है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बिरौल प्रभाकर तिवारी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने जांच से जुड़े अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।