दामाद की हत्या में आगरा कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन अध्यक्ष दोषी:2 साल पहले हुआ था बैंक मैनेजर का मर्डर, बेटा-बेटी भी आरोपी, कल आएगा फैसला

आगरा में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र रावत, उनकी बेटी प्रियंका और बेटे कृष्णा को दोषी ठहराया गया है। सचिन की हत्या दो साल पहले उनके ही घर में की गई थी। पत्नी, ससुर और साले ने मिलकर बेरहमी से पीटा था। गर्म सरिए से दागा और डंडों से प्राइवेट पार्ट पर वार किए गए थे। कोर्ट में 18 गवाह पेश हुए। अब तीनों को सजा कल सुनाई जाएगी। पढ़िए, पारिवारिक विवाद से लेकर हत्या और कोर्ट के फैसले तक की पूरी कहानी… सबसे पहले जानिए क्या था पूरा मामला… 12 अक्टूबर 2023 को पुलिस को सूचना मिली कि बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय ने आत्महत्या कर ली है। शुरुआत में मामला आत्महत्या का लग रहा था। लेकिन जब परिजनों ने आरोप लगाए और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, तो पूरा सच सामने आने लगा। रिपोर्ट में साफ हुआ कि मौत प्राकृतिक या आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। हत्या का केस थाना ताजगंज में दर्ज किया गया। एफआईआर में सचिन की पत्नी प्रियंका रावत, उसके पिता बिजेंद्र रावत और भाई कृष्णा रावत को नामजद किया गया। बिजेंद्र रावत आगरा कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। प्रियंका, मृतक सचिन की पत्नी है। कृष्णा, प्रियंका का भाई और सचिन का साला है। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर सचिन को घर में ही बेरहमी से पीटा,गर्म सरिए से दागा और उसकी निर्मम हत्या कर दी। अब इस केस में कोर्ट ने तीनों को दोषी ठहरा दिया है। कल यानी बुधवार को उनकी सजा सुनाई जाएगी। अब पढ़िए पूरी कहानी 9 साल पहले हुई थी शादी
शमशाबाद रोड स्थित पॉश कॉलोनी रामरघु एग्जॉटिका में रहने वाले बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय की शादी 9 साल पहले बालूगंज निवासी और आगरा कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वकील बिजेंद्र रावत की बेटी प्रियंका से हुई थी। शादी के बाद परिवार ने सोच-समझकर शहर में उन्हें मकान दिला दिया, ताकि बहू को गांव के माहौल से परेशानी न हो।
लेकिन सचिन का अपनी जड़ों से जुड़ा रहना उसकी पत्नी प्रियंका को पसंद नहीं आता था। जब भी वह गांव अपने माता-पिता से मिलने जाता, लौटने के बाद घर में कलह तय रहती थी। कई बार तो मामला इतना बढ़ गया कि मोहल्ले वालों को बीच-बचाव करना पड़ा। पेट्रोल पंप की अर्जी बनी विवाद की जड़
कुछ महीने पहले केशव देव शर्मा (सचिन के पिता) ने पेट्रोल पंप के लिए अपने छोटे बेटे के नाम आवेदन कर दिया। बस यहीं से रिश्तों में जहर घुल गया। प्रियंका, उसके पिता बिजेंद्र और भाई कृष्णा को यह बात नागवार गुज़री। आरोप है कि तीनों ने मिलकर सचिन को घर में बंद करके पीटा भी था। लौटते ही रची गई साजिश, दामाद को मार डाला
11 अक्टूबर 2023 को सचिन जब गांव से लौटा, तो प्रियंका ने अपने पिता और भाई को बुला लिया। रात होते-होते प्लान के तहत तीनों ने एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर सचिन को बांधा, गर्म सरिये से दागा और प्राइवेट पार्ट्स पर डंडों से हमला किया। सचिन खून से लथपथ हो गया और मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौत के बाद भी झूठ का सहारा
रात को प्रियंका के भाई कृष्णा ने सचिन के पिता को फोन कर कहा, लड़ाई हुई थी, अब उसे सुला दिया है। जब पिता ने बात कराने को कहा, तो बहाना बनाकर फोन काट दिया और मोबाइल बंद कर दिया।
अगले दिन दोपहर में रिश्तेदारों के जरिए सचिन की मौत की खबर भेजी गई। जब परिवार मौके पर पहुंचा, तो खून से सना शव पड़ा मिला। घर की चादरें धुल चुकी थीं, लेकिन उन पर खून के निशान साफ दिख रहे थे। पोस्टमॉर्टम के लिए भी किया विरोध
सचिन के घरवालों ने पुलिस बुलाकर पोस्टमॉर्टम की मांग की, लेकिन प्रियंका का परिवार झगड़े पर उतर आया। पुलिस के हस्तक्षेप से पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें साफ हो गया कि मौत आत्महत्या नहीं, हत्या थी।
इसके बाद थाना ताजगंज में पत्नी प्रियंका उर्फ मोना, पिता बिजेंद्र रावत, भाई कृष्णा रावत और एक अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद आया फैसला
मामला एडीजे-17 कोर्ट में चला। 18 गवाहों की पेशी और तमाम सबूतों के बाद मंगलवार को कोर्ट ने प्रियंका, उसके पिता और भाई को हत्या का दोषी करार दिया है। वादी अधिवक्ता अवधेश शर्मा ने बताया कि यह फैसला परिवार को न्याय दिलाने वाला है। अब बुधवार को कोर्ट सजा सुनाएगा। वादी पक्ष ने आरोपियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है। ——————- ये खबर भी पढ़िए- गर्लफ्रेंड की शादी तय हुई…प्रेमी पानी टंकी से कूदा, मौत, अनूपशहर में मां गिड़गिड़ाती रही- कूदना मत बुलंदशहर में 80 फीट ऊंची पानी टंकी से 22 साल युवक ने कूद कर जान दे दी। वह गर्लफ्रेंड की शादी किसी और से तय होने से नाराज था। जानकारी के मुताबिक, सज्जा (22) मंगलवार सुबह 9.30 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गया। इसके बाद वो जोर-जोर से रोने लगा। यह देखकर नीचे काफी भीड़ जमा हो गई। सूचना घरवालों को लगी तो वो भी भागकर वहां पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर…

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