दिल्ली आतंकी ब्लास्ट मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को कश्मीर में लगभग 10 जगहों पर छापेमारी की। एजेंसी ने मौलवी इरफान अहमद, डॉ. आदील, डॉ. मुजम्मिल, आमिर राशिद और जसीर बिलाल के घरों पर धावा बोला है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, NIA की छापेमारी शोपियां के नादिगाम गांव, पुलवामा के कोइल, चंदगाम, मलंगपोरा, संबूरा और कुलगाम में चल रही है। टीमें ऐसे सबूतों की तलाश कर रही हैं जो व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क और दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े हो सकते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी डॉ. उमर नबी के साथी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश के घर पर भी छानबीन कर रही है। जसीर दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य सह-साजिशकर्ताओं में से एक माना जा रहा है। उस पर उमर के साथ मिलकर हमास की तरह भारत में ड्रोन हमलों की साजिश रचने का आरोप है। दिल्ली कार ब्लास्ट में NIA ने मौलवी इरफान, डॉ. आदिल, जसीर बिलाल समेत 7 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। इनमें 5 जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। धमाके में खुद को उड़ाने वाला डॉ. उमर भी पुलवामा का रहने वाला था। वह फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। जसीर पर उमर को टेक्निकल सपोर्ट देने का आरोप NIA ने 17 नवंबर को जसीर को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। वह अनंतनाग के काजीकुंड का रहने वाला है। उसने अनंतनाग जिले के काजीगुंड से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया है। दिल्ली ब्लास्ट में इसकी सक्रिय भूमिका रही है। आरोप है कि जसीर बम विस्फोट के लिए ड्रोन मॉडिफाई करता था और रॉकेट बनाने की भी कोशिश की थी। जसीर पिछले साल अक्टूबर में कुलगाम की एक मस्जिद में उमर से पहली बार मिला था। इसके बाद वह टेरर मॉड्यूल में शामिल हो गया। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआत में अन्य आतंकी चाहते थे कि जसीर जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक एक्टिव वर्कर के रूप में काम करे, लेकिन उमर ने उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए उकसाया। हालांकि, अप्रैल 2025 में जसीर ने आर्थिक तंगी और इस्लाम में आत्महत्या को हराम बताते हुए आत्मघाती हमलावर बनने से इनकार कर दिया। लेकिन उसने आतंकी उमर को टेक्निकल सपोर्ट देना जारी रखा।