पानीपत रेलवे जंक्शन पर दिवाली पर घर जाने की उमंग लिए हजारों लोग रविवार को स्टेशन पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें मिला इंतजार और थकान का तोहफा। रात गहराने के साथ ही स्टेशन पर लंबी दूरी की कई ट्रेनें घंटों देरी से चलने लगीं। कुछ यात्री ट्रेन के आने की आस में प्लेटफॉर्म पर ही बेंचों और फर्श पर सो गए। त्योहारों में जहां एक ओर सड़कों पर बसों और कारों की भीड़ दिखी। रेलवे स्टेशन यात्रियों से ठसाठस भरा रहा। खासकर दिल्ली, लुधियाना, अमृतसर, कटिहार, भागलपुर, पटना, लखनऊ जाने वाली ट्रेनें 5 घंटे तक देरी से चल रही थीं। स्टेशन पर प्लेटफार्म और टिकट काउंटर के पास फर्श पर लोग लेट गए। त्योहार पर यात्रियों को ट्रेनों ने काफी इंतजार कराया। स्टेशन आने वाली ज्यादातर ट्रेनें फुल होकर आ रही थी। स्टेशन अधीक्षक रमेश चंद्र ने बताया कि त्योहार पर ज्यादातर ट्रेनें फुल आ रही है। यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी एनाउंसमेंट करके लगातार दी जा रही है। देरी से परेशान यात्री, कुछ ने की नाराजगी व्यक्त रविवार शाम से ही प्लेटफॉर्म नंबर 1, 2 और 3 पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। कई यात्री छोटे बच्चों और परिवार के साथ सफर कर रहे थे। गोहाना रोड से आए यात्री अमित गुप्ता ने बताया कि हमारी ट्रेन शाम 6 बजे की थी, लेकिन रात 11 बजे तक नहीं आई। बच्चे थककर प्लेटफॉर्म पर ही सो गए। स्टेशन पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही थी। पानीपत से वाराणसी जा रही सीमा शर्मा बोलीं कि हर साल दिवाली पर ऐसा ही होता है। टिकट समय पर मिल भी जाए, तो ट्रेन वक्त पर नहीं चलती। स्टेशन का नजारा, कहीं बिस्तर, कहीं चाय रात 9 बजे तक स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ कम नहीं हुई। प्लेटफॉर्म पर लोग चादर बिछाकर सोए हुए थे। कुछ ने कैंटीन से चाय लेकर नींद भगाने की कोशिश की। छोटे बच्चे अपने बैग पर सिर रखकर सो गए, जबकि बुजुर्ग यात्रियों को ठंड से बचने के लिए शॉल ओढ़े देखा गया। जीआरपी ने बढ़ाई सुरक्षा रेलवे जंक्शन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए जीआरपी ने स्टेशन पर चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। जीआरपी प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि यात्रियों के सामान की तलाशी भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध लोगों पर जीआरपी की टीम लगातार निगरानी रखे हुए है।