हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला में शनिवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने हिस्सा लिया। वरिष्ठ अधिकारियों ने लिया हिस्सा केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। समारोह में शाक्या रिनपोचे सहित दुनिया भर के बौद्ध लामा और डिप्लोमैटिक प्रतिनिधि मौजूद रहे। सिक्यांग पेन्पा त्से रिंग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। पठानकोट स्टेशन पहुंचे केंद्रीय मंत्री तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस और दीर्घायु प्रार्थना कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू मुख्य अतिथि बने। रिजिजू शनिवार तड़के 3:05 बजे पठानकोट रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां से वे सीधे धर्मशाला गए। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की मंत्री कालोन नोरजिन डोल्मा ने उनका पारंपरिक स्वागत किया। निस्वार्थ प्रार्थना होती है फलदायी दलाई लामा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रार्थना तभी फलदायी होती है, जब वह निस्वार्थ हो। उन्होंने बताया कि वे प्रतिदिन सभी प्राणियों के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। उनके अनुसार बौद्ध शिक्षाएं केवल आत्मकल्याण तक सीमित नहीं हैं। ये समाज सेवा और परस्पर सहयोग का रास्ता भी दिखाती हैं। सभागार आध्यात्मिक माहौल से भरा कार्यक्रम का विशेष क्षण तब आया, जब तिब्बत के स्टेट ऑरेकल नेचुंग समाधि में चले गए। उन्होंने दलाई लामा के सामने उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की। योगी वेशभूषा में सजे ऑरेकल ने उन्हें रेशमी दुपट्टा भी अर्पित किया। ध्यानावस्था से बाहर आने के बाद पूरा सभागार आध्यात्मिक माहौल से भर गया। बुद्ध के प्रतीकों से किया सम्मान इस अवसर पर दलाई लामा को बुद्ध के शरीर, वाणी और मन के प्रतीक, दीर्घायु कलश, गोलियां और अमृत भेंट किए गए, जो उनकी लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के प्रतीक हैं। जमयांग खेंत्से रिनपोचे द्वारा विशेष दीर्घायु प्रार्थना का दोबारा गायन किया गया, जिससे माहौल और भी अधिक आध्यात्मिक हो गया। वैश्विक प्रतिनिधियों की रही मौजूदगी इस विशेष आयोजन में न केवल भारत के बल्कि विश्व के कई देशों के बौद्ध गुरु और राजनयिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सिक्किम सरकार के मंत्री, तिब्बती लामा, और बड़ी संख्या में विदेशी अनुयायी भी धर्मशाला पहुंचे। करुणा, शांति और सहयोग की आवश्यकता यह आयोजन न केवल एक आध्यात्मिक कार्यक्रम था, बल्कि एक वैश्विक संदेश भी था कि इस युग को करुणा, शांति और सहयोग की आवश्यकता है। हजारों की संख्या में जुटे भिक्षु, स्थानीय नागरिक, और विदेशी मेहमानों ने एक स्वर में दलाई लामा की दीर्घायु और विश्व कल्याण की कामना की।