धीरेंद्र शास्त्री की बात सुन खिलखिलाए प्रेमानंदजी:कहा- बीमारी तो आपकी लीला है, महापुरुष ऐसे ही करते हैं

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंगलवार को संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। वृंदावन के केलीकुंज आश्रम में उन्होंने महाराजजी से आशीर्वाद लिया। उनके स्वास्थ्य का हालचाल पूछा। प्रेमानंद जी ने कहा- शरीर बीमार है, हृदय से बात करूंगा। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब दिया- ये तो आपकी लीला है। महापुरुष ऐसे ही करते हैं। महाराज जी ने पूछा- वृंदावन में कब तक रहोगे। धीरेंद्र शास्त्री बोले- बाबा कल तक रुकेंगे। सनातन एकता पदयात्रा को लेकर एक बैठक है। दिल्ली से वृंदावन के लिए पैदल यात्रा करेंगे। प्रेमानंद महाराज ने कहा- सनातन ब्रह्म है, वायु है। सनातन सूर्य है, आकाश है, भूमि है। बिना सनातन के किसी की सत्ता ही नहीं है। हर एक को सनातन से जुड़ना होगा। प्रेमानंद जी और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पूरी बातचीत पढ़िए… धीरेंद्र शास्त्री बोले- बाबा पहले मायाजाल में फंसा था
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- बाबा पहले हम मुंबई में थे और मायाजाल में फंसे थे। इस पर संत प्रेमानंद महाराज जी ने कहा- भगवान के पार्षद तो माया से मुक्त करने जाते हैं। माया जाल में घुसकर जीवों को माया से मुक्त करते हैं। आप भगवान के पार्षद हैं। हमारे ठाकुर जी के निज जन हैं। जहां भी जाएं वहां भगवत नाम, भगवत गुण महिमा की गर्जना करें तो उससे माया भाग जाती है। भगवान के नाम गुण में अपार सामर्थ्य है। जिसने भी भगवान के नाम और गुणों का आश्रय ले लिया, वो पार हो गया। अन्यथा कोई ज्ञान-विज्ञान इस दुरंत माया से पार पा सके, यह असंभव है। माया भगवान की दासी है। जीव तो भगवान के नाम, गुण, लीला और धाम का आश्रय लेकर उन्हीं के सहारे से निकल जाता है। ये मार्ग देती है, निकल जाओ। जहां थोड़ा सा अहम हुआ तो प्रश्नवाचक चिन्ह लगा देती है। प्रेमानंद जी बोले- सनातन से सबको जुड़ना होगा
संत प्रेमानंद महाराज ने पूछा- वृंदावन में कितने दिन रहोगे। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- बाबा कल तक रुकेंगे। सनातन एकता पदयात्रा को लेकर एक बैठक है। दिल्ली से वृंदावन के लिए पैदल सनातन यात्रा करेंगे। इस पर संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- सनातन ब्रह्म है। सनातन वायु है। सनातन सूर्य है। सनातन आकाश है। सनातन भूमि है। एक दिन सभी को इससे जुड़ना होगा। ‘बिना सनातन किसी की सत्ता नहीं’ बिना सनातन के किसी की सत्ता ही नहीं है। सनातन धर्म है। कहीं भी कोई भी हो उसको जुड़ना ही पड़ेगा, क्योंकि वायु से जुड़ना, सूर्य के प्रकाश से जीना, आकाश के नीचे रहना, धरती में रहना यह सनातन में ही रहना है। यह सब सनातन ही है। ब्रह्म स्वरूप सनातन है। सनातन को किसी व्यक्ति ने स्थापित नहीं किया। ये स्वयंभू है। जैसे वेद स्वयंभू है तो वेद भी सनातन है। ब्रह्म भी सनातन है। ‘शरीर बीमार है, ह्रदय से बात कर सकते हैं’
संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- हमारा शरीर बीमार है। इसलिए केवल हृदय से बात कर सकते हैं। इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- ये तो आपकी लीला है। आपकी तरह हम भी ऐसे ही कहते रहते हैं। हमारा भी बुढ़ापे का शरीर है। आपको कोई बीमारी नहीं है। आपकी तो ये लीला है। महापुरुष तो भगवत स्वरूप हैं, ये सब लीला करते हैं। बस आपके दर्शन हो गए खूब आनंद मिल गया। आप तो यात्रा में ही हैं। हमारे दादा गुरु जी निर्मोह अखाड़ा केशव अंतिम समय में हमें ये पोटली दे गए। संपत्ति की इसी पोटली के दम पर हम संतों तक पहुंचे। बस आप महापुरुषों की कृपा बनी हुई है। मति ठीक बनी रहे। ———————- ये खबर भी पढ़ें- अखिलेश के निशाने पर क्यों आए आकाश:यूपी में PDA के दरकने का खतरा या युवाओं के खिसकने का डर? समझिए सियासी गणित लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की बड़ी रैली के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। सपा ने मायावती को छोड़कर सीधे बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद पर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा- आकाश आनंद की जरूरत बसपा की बजाय भाजपा को ज्यादा है। पढ़ें पूरी खबर…

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