विधानसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया में अब महज 4 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में अभी भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। मुख्य राजनीतिक दलों और उनके गठबंधन साझेदारों ने अब तक कई सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की औपचारिक घोषणा नहीं की है। यह स्थिति न केवल इच्छुक उम्मीदवारों के लिए चिंता का विषय बन गई है, बल्कि जिला प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। नामांकन के लिए निर्धारित 8 दिनों में से 3 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रक्रिया अभी तक सुस्त गति से चल रही है। सोमवार को छोड़कर अब केवल 4 कार्य दिवस शेष हैं। जिले की सातों विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों में अभी भी स्पष्टता नहीं आई है। इसका सीधा असर नामांकन पत्रों की खरीदारी पर पड़ा है। अब तक सातों विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर केवल 27 लोगों ने नाजिर रसीद (एनआर) कटवाई है। आंकड़ों के अनुसार, बिहारशरीफ और नालंदा विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक छह-छह एनआर कटवाए गए हैं। हालांकि यह संख्या अपेक्षा से काफी कम है, जो राजनीतिक दलों की अनिर्णय की स्थिति को दर्शाती है। अंतिम घड़ी की भागदौड़ से बढ़ सकती है अफरातफरी राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि सोमवार को प्रमुख दलों की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा की जाती है, तो चयनित प्रत्याशियों को नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में भी समय लगेगा। ऐसे में नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर को भारी भीड़ और अव्यवस्था की आशंका प्रबल हो रही है। बिहारशरीफ शहर में यातायात व्यवस्था के ठप होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। विशेषकर जब चार विधानसभा क्षेत्रों के नामांकन स्थल मात्र 100 मीटर के दायरे में स्थित हैं। सौ मीटर के दायरे में चार नामांकन केंद्र बिहारशरीफ में एक अनोखी स्थिति बन गई है। चार विधानसभा क्षेत्रों के नामांकन स्थल एक ही परिसर में 100 मीटर की परिधि में स्थापित किए गए हैं। इस क्षेत्र में कोर्ट, निबंधन कार्यालय, एसडीओ कार्यालय और ट्रेजरी ऑफिस भी स्थित हैं। ये सभी कार्यालय आम नागरिकों से जुड़े हुए हैं और यहां प्रतिदिन भारी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। विशेष रूप से दीवाली और छठ पर्व के मौसम में भूमि निबंधन का कार्य तेजी से चल रहा है। ऐसे में नामांकन के अंतिम दिनों में उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की भीड़ के साथ-साथ आम नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। यदि आम लोगों को असुविधा हुई तो प्रशासन के प्रति असंतोष बढ़ना स्वाभाविक है। विरोध की आग भड़कने की आशंका राजनीतिक हलकों में पुरानी कहावत ‘एक अनार सौ बीमार’ की स्थिति बन गई है। 7 विधानसभा सीटों के लिए सैकड़ों दावेदार मैदान में हैं। पार्टी नेतृत्व के सामने निर्णय लेना किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं है। कई विधानसभा क्षेत्रों में टिकट वितरण को लेकर पहले से ही विरोध की चिंगारी दिखाई दे रही है। प्रत्याशियों के नामों की आधिकारिक घोषणा के साथ ही विरोधी गुटों की सक्रियता और बढ़ सकती है। नाराज नेताओं की ओर से निर्दलीय चुनाव लड़ने या प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की आशंका से पार्टी नेतृत्व भी चिंतित है। विधानसभा क्षेत्र में हेल्प डेस्क की स्थापना चुनाव आयोग द्वारा नामांकन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। नामांकन के लिए पहुंचने वाले प्रत्याशियों को सर्वप्रथम हेल्प डेस्क पर अपने कागजातों की प्राथमिक जांच करानी होगी। यहां दस्तावेज सही पाए जाने पर उम्मीदवार को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) के पास भेजा जाएगा, जहां फिर जांच के बाद अंतिम रूप से रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) के समक्ष नामांकन पत्र जमा कराना होगा। मान्यता प्राप्त दलों को राहत चुनाव नियमों के अनुसार, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों को केवल एक प्रस्तावक की आवश्यकता होगी। वहीं, गैर-मान्यता प्राप्त दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों को दस प्रस्तावकों का समर्थन लेना अनिवार्य है। नामांकन के लिए उम्मीदवारों को प्रपत्र-26 में शपथपत्र, मतदाता सूची से प्रमाणित अंश, राजनीतिक दल का प्रपत्र ए और बी (यदि लागू हो), अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रत्याशियों के लिए जाति प्रमाणपत्र, सामान्य श्रेणी के लिए 10,000 रुपए और आरक्षित वर्ग के लिए 5,000 रुपए की नाजिर रसीद, संपत्ति, देनदारी और आपराधिक मामलों संबंधी शपथपत्र शामिल है। अब तक नामांकन पत्र खरीदने वालों की सूची नालंदा विधानसभा- प्रियदर्शी अशोक, कौशलेंद्र कुमार, कुमारी पूनम सिन्हा, बैजनाथ प्रसाद, धीरज कुमार और दिलीप कुमार। हरनौत- हरिनायाण सिंह, ममता देवी और दिवेश कुमार। बिहारशरीफ- डॉ. सुनील कुमार, मनोज कुमार, अशोक कुमार, अमित कुमार, शमीम अख्तर, आफरीन सुल्ताना और दिनेश कुमार। राजगीर- कौशल किशोर, डॉ. जगदीश प्रसाद और सत्येंद्र कुमार। हिलसा- सुधीर कुमार और कौशल कुमार। इस्लामपुर- कुमार हरिचरण सिंह, सीताराम सिंह और राकेश कुमार रौशन। अस्थावां- लता सिंह, शबनम लता और अरमान देव। चुनावी कैलेंडर, एक नजर में नामांकन तिथि: 10 से 17 अक्टूबर। नामांकन पत्रों की जांच: 18 अक्टूबर। नाम वापसी की अंतिम तिथि: 20 अक्टूबर। मतदान: 6 नवंबर, प्रातः 7 बजे से।