नामांकन के बाद भीम आर्मी नेता अनिल प्रधान गिरफ्तार:बक्सर में फर्जी आधार कार्ड बनवाने, धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई, समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी

बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन राजपुर (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी और भीम आर्मी से जुड़े अनिल प्रधान को पुलिस ने नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तनाव और उनके समर्थकों में आक्रोश देखा गया। सूत्रों के अनुसार, अनिल प्रधान ने देर शाम करीब सात बजे राजपुर सीट से नामांकन दाखिल किया था। बक्सर अनुमंडल कार्यालय से बाहर निकलते ही नगर थाना अध्यक्ष मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान समर्थकों ने पुलिस हिरासत में ही उन्हें फूल-माला पहनाई और नारेबाजी की। समर्थकों ने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और पुलिस ने बिना वारंट या नोटिस के कार्रवाई की है। गिरफ्तारी के बाद अनिल प्रधान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने राजपुर सुरक्षित सीट से नामांकन किया है, लेकिन पुलिस ने बिना कोई कागजात या नोटिस दिखाए उन्हें हिरासत में ले लिया। उनके अनुसार, कारण पूछने पर पुलिस ने कहा, ‘मैं वर्दी में हूं, मेरे साथ चलिए।’ प्रधान ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया। एक साल पुराने मामले में कार्रवाई नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी एक पुराने मामले से हुई है, जिसमें एक युवती ने उन पर फर्जी आधार कार्ड बनवाने, धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया था। पीड़िता नासरीन खातून ने मार्च महीने नगर थाना मामला दर्ज कराया था । उन्होंने पुलिस को दिए आवेदन में बताया था कि उनकी पहचान कुछ समय पहले अनिल प्रधान से हुई थी। इस दौरान अनिल प्रधान ने जाली कागजात तैयार कर पूजा कुमारी नाम से नकली आधार कार्ड बनवाया, जिसमें पिता का नाम गुलाब राम और पता मठिया मुहल्ला, वार्ड संख्या 33, बक्सर दर्शाया गया। आरोप है कि इसी नकली पहचान का उपयोग कर अनिल प्रधान ने अशोक कुमार पाठक नामक व्यक्ति के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया और समझौता कराने के नाम पर उससे करीब दो लाख रुपये वसूले। नासरीन के अनुसार, अनिल प्रधान ने उन्हें इस केस में फंसा दिया और बाद में जान से मारने की धमकी देने लगा। नासरीन खातून ने अपने बयान में यह भी कहा था कि 6 मार्च 2025 को अनिल प्रधान ने उन्हें ज्योति चौक स्थित अंबेडकर छात्रावास बुलाया, जहाँ SC/ST थाना प्रभारी मोना मैडम के नाम से झूठा आवेदन लिखवाया गया। अगले दिन यानी 7 मार्च को अनिल प्रधान उन्हें अपनी सफेद स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठाकर एसपी कार्यालय के बाहर छोड़कर फरार हो गया। नासरीन ने पुलिस को अनिल प्रधान से जान का खतरा है और वह किसी भी समय नुकसान पहुंचाने की आशंका जताया था।

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