हरियाणा के नारनौल में आयुष्मान कार्ड धारकों को सरकार ने झटका दिया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में अब पांच बीमारियों के इलाज के लिए ऑपरेशन नहीं होंगे। इसमें मोतियाबिंद, बच्चेदानी, दूरबीन से पित्त की थैली का ऑपरेशन, उल्टी दस्त की बीमारी और सांस संबंधी दमा के रोगों का इलाज शामिल है। अब आयुष्मान योजना में कार्डधारकों को इन पांच बीमारियों का इलाज के लिए जिला नागरिक अस्पताल में ही जाना होगा। दावा है कि सरकारी अस्पतालों में पहले से इन पांचों बीमारियों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। जिला नागरिक अस्पताल में पहले इन पांच बीमारियों के रोजाना कम मरीज आ रहे थे, अब संख्या 4 से 5 गुणा बढ़ जाएगी। निजी अस्पतालों में 1 लाख रुपए तक खर्च चिंता की बात ये है कि जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी दूरबीन से ऑपरेशन करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेट नहीं है। ऐसे में स्वाभाविक है कि मरीजों को दूरबीन के जरिए विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल में 50 हजार से 1 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ेंगे। जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ सकती है और गंभीर मरीजों की जेब पर बोझ बढ़ेगा। इससे पहले नागरिक अस्पताल में दूरबीन की सुविधा नहीं होने के कारण मरीज आयुष्मान के जरिए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे थे, लेकिन अब इस पर भी रोक लग गई है। इसको लेकर मुख्यालय की तरफ से आदेश जारी कर दिए गए हैं। नागरिक अस्पताल में ये डॉक्टर जिला नागरिक अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. आकांशा व डा. नीरू कार्यरत हैं। बच्चे दानी संबंधित इलाज के लिए गायनोकॉलोजिस्ट डा. मीनाक्षी है। पित्त की पथरी संबंधित के लिए सर्जन डा. कंवरसिंह व डा. अजय ग्रोवर कार्यरत है। सरकारी में करवाएं इलाज- नोडल अधिकारी आयुष्मान योजना के जिला नोडल अधिकारी डा. मनीष यादव ने बताया कि इस संबंध में उच्च अधिकारियों की ओर से पत्र मिला है। मोतियाबिंद सहित पांच बीमारी का इलाज प्राइवेट अस्पताल की बजाय सरकारी अस्पताल में करवाया जाएगा। जिला नागरिक अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध है।