महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में राजस्थान की सीमा के साथ लगते नांगल चौधरी के गांव गोलवा में तेंदुआ ने बाड़े में घुसकर कटड़े पर हमला पर दिया। हमले से भयभीत हुए अन्य पशुओं ने जोर-जोर आवाज की। जिसका शोर सुनकर पशुपालक की नींद खुल गई। उन्होंने टार्च की मदद से देखा, तो तेंदुआ ने कटड़े की गर्दन दबोच रखी थी। उन्होंने अन्य पशुपालकों के साथ लाठी और डंडे दिखाकर उसे भगाया। घटना की सूचना पाकर फॉरेस्ट विभाग तथा वाइड लाइफ विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। मौका निरीक्षण करने के बाद उन्होंने तेंदुआ को पकड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, गोलवा गांव के सुबेसिंह जागीरदार ने गांव से बाहर निजी जमीन पर पशुओं का बाड़ा बना रखा है। जिसमें रात को पशु बांधने के बाद नजदीक मकान में परिवार के साथ सोता है। मंगलवार की रात भैंस, कटड़े व अन्य छोटे मवेशी बाड़े में बंधे हुए थे। रात 2 बजे भैंस जोर-जोर से रंभाई इसी दौरान करीब 2 बजे भैंस व अन्य मवेशियों ने शोर किया। जिसे सुनकर सुबेसिंह की आंख खुल गई। उन्होंने टॉर्च लेकर बाड़े में देखा और तेंदुआ को देखकर हक्का-बक्का रह गया। तेंदुआ ने कटड़े की गर्दन दबोच रखी थी और पंजों से शरीर को दबा रखा था। टॉर्च की रोशनी पड़ते ही तेंदुआ सुबेसिंह की तरफ गुर्राने लगा। आवाज सुनकर आ गए ग्रामीण भयभीत पशुपालक ने अन्य ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद 20-25 ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने लाठी, डंडे तथा पत्थरों की मदद ने तेंदुआ को बाड़े से बाहर भगाया। इसके बाद पशुपालक घायल कटड़े को संभाल रहे थे। इसी दौरान तेंदुआ दुबारा बाड़े के पास पहुंच गया। फिर ग्रामीणों ने पहाड़ तक तेंदुआ को भगाया और सुबह होने पर फॉरेस्ट विभाग को घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंचे फॉरेस्ट विभाग के रेंजर रजनीश यादव ने वारदात स्थल की जांच की। ग्रामीणों में भय का माहौल दूसरी तरफ ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। उन्होंने बताया कि पहाड़ नजदीक होने के कारण यहां महिलाएं घास लेने जाती हैं। युवा दौड़ करने जाते हैं। इसके अलावा मवेशी भी पहाड़ पर घास चरते हैं। जिन्हें तेंदुआ से जानलेवा हादसे का खतरा बढ़ गया है। समस्या से विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया था, बावजूद उन्होंने हिंसक जानवर को नहीं पड़का। ऐसे में लोगों को भय के साये में घरेलू कामकाज करने पड़ रहे हैं। 10 दिन पहले पहाड़ में देखा, लेकिन विभाग ने की अनदेखी राजाराम गोलवा ने बताया कि करीब 10 दिन पहले नांगल चौधरी से घर जा रहा था। इसी दौरान गांव के पास पहाड़ पर एक जानवर दिखाई दिया, इसके बाद उन्होंने गाड़ी की लाइटों को पहाड़ की तरफ किया, तब पता चला कि वह तेंदुआ है। जिससे फॉरेस्ट व वाइड लाइफ विभाग को अवगत कराया था। लेकिन उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत को अनदेखा कर दिया, जिसके परिणाम स्वरूप तेंदुआ मवेशियों को शिकार बनाने लगा है। तेंदुआ की पुष्टि के लिए जुटाएंगे साक्ष्य, पिंजरे की मदद से पकड़ेंगे वाइड लाइफ विभाग के निरीक्षक चरण सिंह ने बताया कि पहाड़ में तेंदुआ होने की शिकायत मिली है। जिसने बीती रात बाड़े में घुसकर एक कटड़े पर हमला किया है। तेंदुआ की पुष्टि के लिए पहाड़ से साक्ष्य जुटाए जाएंगे। इसके बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट देकर पिंजरा भेजने की सिफारिश करुंगा।