नूंह जिले में आईएमटी रोजकामेव के विस्तार से प्रभावित 9 गांवों के धरनारत किसानों और प्रशासन के बीच तल्खी बढ़ रही है। धरने को और मजबूत करने के लिए यूपी, राजस्थान के मुस्लिम किसानों के समर्थन की अपील की जा रही है। किसान नेता राजस्थान के मौलवी की शरण में पहुंचे। दूसरी ओर, धरनारत किसानों की जिद देखकर पुलिस ने आसपास के जिलों से और पुलिस बल मांगा है। तीसरे दिन भी किसानों ने एचएसआईआईडीसी को काम नहीं करने दिया। बारिश में टेंट लगाकर पंडाल में सोए किसान धीरधोका गांव में जिस स्थान पर किसानों ने तीन दिन पहले एचएसआईआईडीसी को काम करने से रोकते हुए धरना शुरू किया था, धरनारत किसान रात को भी वहीं पंडाल लगाकर सो रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी रविवार-सोमवार की रात बारिश में तिरपाल लगाकर पंडाल में ही सोये। किसानों ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाएगी वह पीछे नहीं हटेंगे। सरकार और प्रशासन के साथ यह लड़ाई लंबी चलेगी। धरनास्थल पर किसानों के कई संगठन मौके पर ही मौजूद हैं। यूपी और राजस्थान के मुस्लिम किसानों का समर्थन जुटाने की बात किसान नेता हाफिज सिराजुद्दीन ने कहा कि, साथ लगते यूपी व राजस्थान के मुस्लिम किसानों का समर्थन जुटाने के लिए गांव नीमखेड़ला मस्जिद के मौलवी राशिद से मुलाकात की जाएगी। धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि देश की संसद के द्वारा पारित तीन कानूनों को जब वापस लिया जा सकता है तो छल से किसानों के हस्ताक्षर करवाकर लिए गए हल्फनामें रद्द क्यों नहीं हो सकते। किसानों ने मांग की कि, सरकार अधिग्रहण करके उनकी जमीन को 25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ के मोल से बेच रही है, लेकिन किसानों को बकाया 25 लाख रुपए देने की नीयत नहीं है। 20 जुलाई को बड़ी महापंचायत का आयोजन भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद ने बताया, ‘संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 से 21 जुलाई तक हर रोज दो-दो संगठनों की जिम्मेदारी धरनास्थल पर पहुंचने की लगा दी है। 20 जुलाई को बड़ी महापंचायत कर आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। इस बीच यदि प्रशासन किसानों के साथ जबरदस्ती करने का प्रयास करता है तो आपातकालीन कॉल पर सभी संगठन मेवात के लिए कूच करेंगे। दूसरी तरफ, एचएसआईआईडीसी ने इस साइट पर काम बंद कर दूसरी साइट पर आंशिक रूप से काम चालू कर दिया।