न्यूजीलैंड में लोकल लोगों ने सिख समुदाय की तरफ से निकाले जा रहे नगर कीर्तन का विरोध कर दिया। उन्होंने नगर कीर्तन का रास्ता रोक दिया। इसके बाद आगे खड़े होकर हाका प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘दिस इज न्यूजीलैंड, नॉट इंडिया’ यानी यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं और ‘न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड ही रहने दो, यह हमारी जमीन है, यही हमारा स्टैंड है’ के बैनर लहराए। यह प्रदर्शन शनिवार को हुआ। उस वक्त सिख समुदाय का नगर कीर्तन गुरुद्वारे लौट रहा था। हालांकि न्यूजीलैंड पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बीचबचाव किया और प्रदर्शनकारियों को हटा दिया। इस मामले में पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने का हक है। न्यूजीलैंड डेवलप्ड कंट्री है, इस तरह का वहां पहले कभी नहीं सुना था। केंद्र सरकार को न्यूजीलैंड सरकार से बात करनी चाहिए। एंटी इमिग्रेशन पूरी दुनिया में चला हुआ है। हमारी कौम सरबत का भला मांगने वाली कौम है। CM ने आगे कहा- बाहर कोई ऐसी घटनाएं होती हैं तो उसमें भी हमारा नाम लग जाता है। केंद्र सरकार को राजदूत को बुलाकर इस पर सख्त एतराज जताना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि हमारे नागरिक शांति पसंद हैं। उनका न्यूजीलैंड के विकास में बहुत योगदान है। न्यूजीलैंड में सिखों के नगर कीर्तन और विरोध के 2 PHOTOS… सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला… गुरुद्वारे लौट रहा था नगर कीर्तन
शनिवार को न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड के उपनगर मनुरेवा में सिख समुदाय की तरफ से नगर कीर्तन निकाला जा रहा था। सिख लीडर सन्नी सिंह ने बताया कि यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा नानकसर ठाठ इशर दरबार, मनुरेवा से शुरू हुआ था। इलाके में घूमने के बाद नगर कीर्तन गुरुद्वारे में लौट रहा था। गुरुद्वारे के करीब पहुंचते ही आए प्रदर्शनकारी
सन्नी सिंह के मुताबिक जब नगर कीर्तन गुरुद्वारे के करीब पहुंचा तो करीब 30 से 35 लोगों का लोकल ग्रुप वहां आ गया। यह लोग ‘अपोस्टल बिशप’ ब्रायन तामाकी से जुड़े थे। तामाकी पेंटेकोस्टल संगठन, डेस्टिनी चर्च के प्रमुख हैं। इन लोगों ने आगे खड़े होकर नगर कीर्तन का रास्ता रोक दिया। उन्होंने वहां नारे लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद उन्होंने हाका प्रदर्शन किया। उनके हाथ में बैनर भी पकड़े हुए थे। असमंजस में पड़ा सिख समुदाय, संयम रखा
इस दौरान न्यूजीलैंड के प्रदर्शनकारियों और उनकी नारेबाजी से सिख समुदाय के लोग असमंजस में पड़ गए क्योंकि विरोध की कोई ऐसी वजह नहीं थी। हालांकि सिख समुदाय ने पूरा संयम रखा और लोकल प्रदर्शनकारियों को आपस में भिड़ने का कोई मौका नहीं दिया। इसके बाद वहां पुलिस पहुंची। पुलिस ने दोनों पक्षों को एक-दूसरे से न भिड़ने के लिए कहा। कुछ देर के बाद प्रदर्शनकारियों का ग्रुप एक साइड हो गया और नगर कीर्तन गुरुद्वारे में चला गया। खबर आगे पढ़ने से पहले पोल पर अपनी राय दें… संगठन ने फेसबुक पर वीडियो कर लिखी आपत्तिजनक बातें… सार्वजनिक सड़कों पर खुलेआम तलवारें और खंजर लिए घूम रहे पुरुष
तामाकी की ओर से अपने फेसबुक पर इसका वीडियो और पोस्ट जारी किया गया। वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने “एक सच्चा ईश्वर”, “यीशु-यीशु” के नारे लगाए, जबकि सिख जुलूस में शामिल लोग बिना किसी प्रतिक्रिया के देखते रहे। तामाकी ने लिखा, “मनुरेवा में सिख धार्मिक जुलूस के कारण कई घंटों से यातायात बंद है। सड़कें बंद। स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त। कारोबार प्रभावित। परिवार फंसे। और सबसे चौंकाने वाली बात? सार्वजनिक सड़कों पर खुलेआम तलवारें और खंजर लिए घूम रहे पुरुष। हाका नृत्य नफरत नहीं, यह एक लक्ष्मण रेखा है
तामाकी ने आगे लिखा- न्यूजीलैंड के लोग एक वाजिब सवाल पूछ रहे हैं। हमारी सड़कों पर धारदार हथियार लेकर घूमना कब से स्वीकार्य हो गया है? यह न्यूजीलैंड में सामान्य बात नहीं है। यह न्यूजीलैंड की जीवनशैली नहीं है। इन सबके बावजूद दक्षिण ऑकलैंड में सच्चे देशभक्त डटे रहे। कोई हिंसा नहीं। कोई दंगा नहीं। बस मेरे युवा आमने-सामने खड़े होकर हाका नृत्य कर रहे थे, ताकि एक स्पष्ट संदेश दिया जा सके- न्यूजीलैंड को न्यूजीलैंड ही रहने दो। आगे लिखा- हाका नृत्य नफरत नहीं है। यह एक लक्ष्मण रेखा है। यह एक चुनौती है। न्यूजीलैंड एक ईसाई राष्ट्र है। क्या है हाका प्रदर्शन, जो न्यूजीलैंड के लोगों ने किया…