नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को 22 एजेंडों पर मुहर लगी है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक अहम फैसला सामने आया, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत सात सरकारी डॉक्टरों को लगातार गैरहाजिर रहने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार में जितनी भी महिला सरकारी सेवक की नियुक्ति हुई है। उनके पदस्थापना स्थल के पास ही उन्हें सुरक्षित आवास सरकार की ओर से दिया जाएगा। निजी मकान मालिक के साथ लीज एग्रीमेंट किया जाएगा। इसका भुगतान राज्य सरकार करेंगी। यह व्यवस्था शिक्षा विभाग पर भी लागू होगा। महिला शिक्षकों भी भी आवास मिलेगा। लगभग 3.50 लाख के आसपास महिला सेवक है। पंचायती राज विभाग में लोअर डिवीजन क्लर्क के 8093 पदों के लिए बहाली निकलेगी। वहीं, स्वास्थ विभाग में 36 पद पर बहाली होगी। इन डॉक्टर्स को किया गया बर्खास्त स्वास्थ्य विभाग ने यह कार्रवाई डॉक्टरों की सालों से जारी अनुपस्थिति और बार-बार नोटिस के बावजूद ड्यूटी पर वापस न लौटने के चलते की है। बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में पटना, गया, भागलपुर, और समस्तीपुर समेत अन्य जिलों के चिकित्सक शामिल हैं। इस कदम को सरकार ने प्रशासनिक अनुशासन और जन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से जरूरी बताया है। जन्म और डेथ का सर्टिफिकेट आसानी से मिल सकेगा बिहार सरकार की योजना और विकास विभाग ने एक नया नियम बनाया है, बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025। यह नियम पहले से बने नियम (1999 के) में बदलाव करके लाया गया है। इस नए नियम में जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) अब और आसान और डिजिटल तरीके से हो सकेगा। इससे आम लोगों को कई कामों में सुविधा होगी, जैसे किसी की जन्म की तारीख और जगह का प्रमाण देना, स्कूल-कॉलेज में दाखिला लेना, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना, वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना, पासपोर्ट बनवाना। अब जन्म और मृत्यु का सर्टिफिकेट कंप्यूटर से जल्दी और तय समय में मिल सकेगा, जिससे लोगों का समय बचेगा और प्रक्रिया आसान होगी।