पंजाब के फेमस सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ ने दिवाली से जुड़ी अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि कभी यह उनका सबसे पसंदीदा त्योहार हुआ करता था, लेकिन परिवार से अलग होने के बाद उन्होंने दिवाली मनाना छोड़ दिया। दिलजीत ने बताया कि बचपन में दिवाली की तैयारियां एक महीने पहले से शुरू हो जाती थीं। उनका घर, गांव और गलियां रोशनी से जगमगाती थीं। वे पटाखे चलाते, घर सजाते और अपने गांव जालंधर के दोसांझ कलां में गुरुद्वारे, शिव मंदिर, दरगाह और गुगा पीर स्थान पर दीए जलाने जाते थे। शाम चार बजे से ही त्योहार की शुरुआत हो जाती थी और देर रात तक जश्न चलता था। उन्होंने कहा कि जब वे परिवार के साथ थे, दिवाली उनके जीवन का सबसे उजला दिन होता था। लेकिन समय के साथ जब वे परिवार से अलग हुए, तो भीतर से एक खालीपन महसूस हुआ और तभी से उन्होंने दिवाली मनाना बंद कर दिया। अब पटाखों की आवाज उन्हें डराने लगी है। 3 पॉइंट में दिलजीत दोसांझ ने दिवाली को लेकर क्या कहा.. दिलजीत दोसांझ से जुड़ी इस साल की चर्चित बातें