मनी लॉन्ड्रिंग केस का सामना कर रहे पंजाब के नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत के खिलाफ अब विजिलेंस ब्यूरो ने कड़ा कदम उठाया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में सामने आया कि वरिंदरपाल सिंह धूत की संपत्ति उनकी घोषित आमदनी से 211.54% अधिक है। अब पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की जालंधर रेंज टीम उनसे पूछताछ करेगी और रिमांड पर लेकर पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी। विजिलेंस की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ राज्य सरकार की सख्ती को दर्शाती है। दस साल में बढ़ा ली आय विजिलेंस ब्यूरो ने नायब तहसीलदार वरिंदरपाल सिंह धूत और उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम पर उनकी वैध आय से अधिक संपत्ति इकट्ठा करने के आरोपों की जांच की। यह जांच 1 जनवरी 2009 से 31 दिसंबर 2018 की अवधि को कवर करती है। जांच के दौरान यह सामने आया कि इस अवधि में धूत की सभी स्रोतों और माध्यमों से कुल आय ₹3,58,97,111.59 थी। वहीं, उनके कुल खर्च और संपत्ति का मूल्य ₹11,18,34,544.22 पाया गया। यह उनकी कानूनी आय से ₹7,59,37,432.63 (यानि 211.54 प्रतिशत) अधिक है। ED ने 8 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की थी वरिंदर पाल सिंह धूत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी केस दर्ज किया है। ईडी ने इस मामले में अपनी चार्जशीट फाइल कर चुकी है। एजेंसी ने 12 लोगों को आरोप बनाया है। आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 44 के तहत कार्रवाई की है। ईडी ने अप्रैल 2023 में आरोपी की अरेस्ट भी डाली थी। वहीं, उसकी चंडीगढ़ और होशियारपुर में आठ करोड़ रुपए मूल्य की आवासीय संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से कुर्क किया था।