पंजाब के रिटायर्ड IG के 3 करोड़ फ्रीज:ठगी के बाद 25 बैंक खाते सील, महाराष्ट्र से ऑपरेट कर रहे थे आरोपी

पंजाब के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल (IG) अमर सिंह चहल से जुड़े करोड़ों रुपए की साइबर ठगी मामले में पुलिस ने अब तक करीब 25 बैंक खातों को फ्रीज कर 8.10 करोड़ में से लगभग 3 करोड़ की राशि के लेनदेन को रोक दी है। जांच में सामने आया है कि इस ठगी नेटवर्क के तार महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए हाई-लेवल जांच टीम लगातार तकनीकी और बैंकिंग ट्रेल के आधार पर कार्रवाई कर रही है। अभी तक दर्ज नहीं हुआ बयान पुलिस ने अब तक अमर सिंह चहल का बयान दर्ज नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टरों की अनुमति मिलने के बाद रविवार को अस्पताल में ही उनका बयान दर्ज किया जा सकता है। बयान दर्ज होने के बाद जांच में और अहम खुलासे होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र से जुड़े 3 मुख्य आरोपियों की पहचान जांच एजेंसियों ने अब तक 3 मुख्य आरोपियों की पहचान कर ली है, जिनका संबंध महाराष्ट्र से बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि ठगों ने रिटायर्ड IG के खाते से पैसे निकालकर कई अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए, ताकि रकम का पता लगाना मुश्किल हो जाए। बैंकिंग ट्रांजैक्शन और तकनीकी जांच के बाद पटियाला पुलिस ने संबंधित बैंकों से समन्वय कर खातों को फ्रीज कराया, जिससे बड़ी रकम को सुरक्षित किया जा सका। 10 से ज्यादा लोगों की भूमिका की आशंका पुलिस टीमों को ऐसे इनपुट भी मिले हैं, जिनसे पूरे साइबर ठगी नेटवर्क में कम से कम 10 लोगों की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। ठग कथित तौर पर लोगों को शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर फंसाते थे। फर्जी पहचान और तकनीकी तरीकों से बच रहे थे आरोपी जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर रहे थे और पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग मोबाइल नंबर, बैंक खाते और डिजिटल प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे थे। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह ने अन्य राज्यों में भी लोगों को ठगा है। बैंक CEO बनकर की गई ठगी प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि अमर सिंह चहल को एक व्यक्ति ने रजत वर्मा नाम से संपर्क किया था, जिसने खुद को एक निजी बैंक का मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बताया। इसी झांसे में आकर चहल ने बड़ी रकम निवेश की, जो बाद में साइबर ठगी साबित हुई। ठगी का शिकार होने पर खुद को मारी थी गोली जांच में यह भी सामने आया है कि 22 दिसंबर को ठगी का एहसास होने के बाद अमर सिंह चहल ने खुद को गोली मार ली थी। हालांकि, वह इस घटना में बच गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चहल ने यह कदम उठाने से पहले पुलिस में किसी तरह की शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अब उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। IG की हालत स्थिर, खतरे से बाहर डॉक्टरों के अनुसार, अमर सिंह चहल की हालत अब पूरी तरह स्थिर है और उनके एक सप्ताह के भीतर ठीक होने की संभावना है। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को उनकी कई पसलियों में फ्रैक्चर और बाएं फेफड़े में बड़ा घाव मिला। गोली दिल के बेहद करीब से होकर निकली, लेकिन सौभाग्य से हार्ट सुरक्षित रहा। मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट से बाहर है, सामान्य रूप से सांस ले रहा है और सॉफ्ट डाइट पर है।

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