पंजाब के विजिलेंस SSP और रीडर सस्पेंड:सरकार ने कारण नहीं बताया, चंडीगढ़ हेडक्वार्टर बुलाया, बिना मंजूरी कहीं जाने पर रोक लगाई

पंजाब के अमृतसर में तैनात विजिलेंस के SSP लखबीर सिंह और उनके रीडर संजीव कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के बाद किसी सीनियर IAS अफसर की शिकायत के बाद यह कार्रवाई हुई है। यह मामला 55 करोड़ के डेवलपमेंट के काम से जुड़ा बताया जा रहा है। जिसमें जांच पर सवाल उठ रहे थे। शनिवार को सरकार ने सस्पेंशन का ऑर्डर जारी किया। लखबीर सिंह को इसी साल अप्रैल महीने में एसएसपी विजिलेंस लगाया गया था। खास बात ये है कि 25 जून 2025 को बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार करने वाली टीम के प्रमुख लखबीर सिंह ही थे। करीब 9 माह के भीतर ही उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। उधर, पंजाब विजिलेंस ने कहा कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। SSP लखबीर सिंह को सस्पेंड करने का ऑर्डर… वह मामला, जो SSP पर कार्रवाई से जुड़ा माना जा रहा
अमृतसर के पॉश इलाके रणजीत एवेन्यू में 55 करोड़ के टेंडर को लेकर कई तरह के आरोप लगे थे। जिसमें कहा गया कि इस रकम से विकास का कोई काम नहीं हुआ। इसके उलट करोड़ों रुपए का घपला कर दिया गया। यह करोड़ों रुपया कई लोगों में बांटा गया। इसकी शिकायत सरकार तक पहुंची थी। उधर, पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, इस मामले में एक समाजसेवी के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। चहेतों को ठेका दिलाने से लेकर समाज सेवी की भूमिका भी संदिग्ध
माना जा रहा है कि करोड़ों की लागत से सीवरेज और स्ट्रीट लाइट से जुड़ा काम कराया जाना था। इसमें चहेतों को ठेका दिलाने से लेकर समाज सेवी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। एक समाज सेवी संगठन की तरफ से भी इस बारे में DGP को शिकायत भेजी गई थी। करीब एक हफ्ते से इस मामले को लेकर अमृतसर में चर्चा चल रही थी लेकिन करप्शन पर इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद AAP सरकार की तरफ से चुप्पी लोगों को अखर रही है। विधायक धालीवाल बोले- सीएम मान ने पहले भी ऐसी कार्रवाई की
एसएसपी विजिलेंस के खिलाफ हुई कार्रवाई पर विधायक कुलदीप धालीवाल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले के बारे में सुना है और संभव है कि लखबीर सिंह से कुछ चूक हुई हो। मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से पहले भी इस तरह की कई कार्रवाई की गई हैं, ताकि प्रशासन को ईमानदार और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल उनके पास इस पूरे मामले की पूरी जानकारी नहीं पहुंची है और न ही यह स्पष्ट है कि इस मामले में किन-किन लोगों को नामजद किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूरे केस की विस्तृत जानकारी लेने के बाद ही वे इस पर आगे अपनी बात रखेंगे।

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