पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने पंजाब में आई बाढ़ को लेकर पंजाब सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार ने अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई मेमोरंडम नहीं दिया है कि कितना पैसा खर्च हो चुका है और कितने की जरूरत है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1600 करोड़़ देने का ऐलान कर चुके हैं। पंजाब सीएम द्वारा यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार ने कम पैसा दिया है, जबकि सरकार ने जितने नुकसान की प्रेजेंटेशन दी गई है, उतना पैसा दिया गया है, बल्कि इससे ज्यादा दिया गया है। चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए अश्वनी शर्मा ने पंजाब सरकार को लेकर एक चार्जशीट (आरोप पत्र) भी जारी किया है। जिसमें आरोप लगाए गए हैं कि सरकार ने बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने में विफल रही है। नदी नालों की डी सिल्टिंग सही ढंग से नहीं की गई। यही कारण है कि प्रदेश में बाढ़ आ गई, बाढ़ आने के बाद भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई और जिस कारण लोगों का भारी नुकसान हुआ है। सरकार यहां तक लोगों को नहीं बता पाई कि लोगों ने कहां से निकलना है। कुप्रबंधन की वजह से हुआ नुकसान : शर्मा उन्होंने कहा कि, 2023 में भी बाढ़ आई थी और इससे भी सीख नहीं ली गई। सरकार के कुप्रबंध के कारण रोपड़ और आसपास के एरिया बुरी तरह से नुकसान हुआ। 1057 के गांव प्रभावित हुए हैं। अश्वनी शर्मा ने कहा कि, प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार ने सुझाव दिए थे, जिन्हें नजरअंदाज किया गया है। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अपना हेलीकाप्टर देने का ऐलान किया था। इसे इस्तेमाल कैसे करना है इस बारे भी किसी को पता नहीं। भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि 12000 करोड़ डिजास्टर फंड मिला, उसका भी पता नहीं है। यही नहीं रावी समेत दूसरे दरिया, नदियों में से गार भी नहीं निकाली गई है। सरकार द्वारा बुलाए स्पेशल सेशन पर भी सवाल
भाजपा ने प्रदेश सरकार की तरफ से बाढ़ को लेकर बुलाए गए सेशन पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने मुझ पर तो आरोप लगाया है कि मैं सेशन से भागा हूं, मगर सरकार ने सेशन का मखौल बनाने के अलावा कुछ नहीं किया। कभी देखा है कि सत्ता पक्ष ही सदन में प्रदर्शन करे। हम तो इसका जवाब मांगेंगे ही। चार्जशीट में यह उठाए मुद्दे… मीटिंगों को नजर अंदाज कर चुनाव प्रचार में उलझी रही सरकार भाजपा के अनुसार, 2024 के सेशन से लेकर 2025 तक पंजाब की एक भी कैबिनेट मीटिंग नहीं की। इसका कारण था कि आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव प्रचार में लगी हुई थी और लुधियाना पूर्वी चुनाव पर फोकस रखा। भगवंत मान ने वैज्ञानिक रिपोर्ट को अनदेखा किया आम आदमी पार्टी सरकार ने अप्रैल में ज्यादा बारिश के बारे में भारत मौसम विभाग की शुरूआती चेतावनियों को नजरअंदाज किया है। सरकार को डैम में पानी का प्रबंध करने की योजना बनानी चाहिए थी। साफ नहरें कहां हैं? चार्जशीट में यह भी पूछा गया है कि जल स्रोत मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने जुलाई में विशेष विधानसभा सेशन में बताया था कि सरकार ने बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए 276 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इससे नदी-नहरों की मरम्मत आदि का काम किया गया है। आम आदमी सरकार को बताना होगा कि कितनी कंपनियों ने कितना काम किया और जिसने काम नहीं किया उस पर क्या कार्रवाई की गई। सरकार की सरपरस्ती में बेरोक गैर कानूनी माइनिंग यह भी आरोप लगाया गया है कि गैर कानूनी तरीके से रेत निकालने की मंजूरी दी गई थी। जिससे दरिया में रेत बजरी व पत्थर की बेरोक खुदाई हुई है। जिससे 30 से 40 फीट गहरे गढ्ढ़े बने, जिससे नुकसान हुआ है। पंजाब की दरियाई रेत की माइनिंग बारे आईटीआई रोपड़ की 2023 की ड्राफ्ट रिपोर्ट में गैर योजनाबद्ध माइनिंग को बाढ़ का कारण बताया है।