पंजाब पुलिस की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक पूर्व फौजी को अरेस्ट किया है। आरोप है कि वह भारतीय सेना से संबंधित संवेदनशील और गोपनीय जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ शेयर कर रहा था। वह जब सेना में था तो उस समय जम्मू-कश्मीर और सिक्किम सहित कई राज्यों में तैनात रहा है। आरोपी की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गुरी उर्फ फौजी निवासी गांव मत्तर उत्तर, थाना ममदोट, जिला फिरोजपुर के रूप में हुई है। आरोपी गुरप्रीत सिंह उर्फ फौजी वर्तमान में मादक पदार्थों के एक मामले में फिरोजपुर जेल में बंद था। एआईजी रवजोत कौर ग्रेवाल का कहना है कि आरोपी को अप्रैल 2025 में एनसीबी ने अमृतसर सिटी उसे गिरफ्तार किया था और उसके पास से 1 किलो हेरोइन बरामद हुई थी। जेल से पाकिस्तान के संपर्क में आया गिरफ्तारी के बाद उसे फिरोजपुर जेल में रखा गया था। फिरोजपुर जेल में वह एक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहा है। उसके निर्देशों पर काम करते हुए गुरप्रीत सिंह उर्फ फौजी ने अपने पिछले सैन्य अनुभव और संपर्कों का इस्तेमाल करके भारतीय सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज और जानकारी शेयर की। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ तैनाती और परिचालन रणनीतियों, भारतीय सेना के शस्त्रागार और भारतीय सेना के संवेदनशील आधिकारिक हथियार दस्तावेजों का विवरण शामिल था। जेल में बैठकर मंगवाता था सेना की जानकारियां आरोपी को एसएसओसी प्रोडक्शन वारंट पर मोहाली लेकर आई है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह पहले भारतीय सेना में सेवा दे चुका है और अपनी सेवा अवधि के दौरान जम्मू और कश्मीर जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्यों और सिक्किम सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में तैनात रहा है। जेल में न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी वह अपने पुराने सैन्य संपर्कों का फायदा उठाकर गोपनीय सैन्य जानकारी हासिल करने में कामयाब रहा, जिसे उसने गुप्त माध्यमों से पाकिस्तानी संचालकों को भेजा। उसके कार्यों ने न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन किया है, बल्कि राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा किया है। कई और लोगों की आने दिनों में होंगी अरेस्ट स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की अब जांच आगे बढ़ रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और खुलासे होने की संभावना है। यह गिरफ्तारी भारतीय सीमाओं के भीतर सक्रिय आईएसआई समर्थित जासूसी नेटवर्क को विफल करने में एक बड़ी सफलता है और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए पंजाब पुलिस की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।