पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार किए गए शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर शिकंजा कस दिया है। अब तक उनके खिलाफ पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय से लेकर पूर्व पीए तलबीर सिंह गिल अपने बयान विजिलेंस को दर्ज करवा चुके हैं। वहीं, आज विजिलेंस मजीठिया को लेकर हिमाचल प्रदेश के शिमला के पास लेकर गई । मशोबरा एरिया में टीम उनको लेकर गई थी। दूसरी तरफ मनजिंदर सिंह बिट्टू औलख व जगजीत सिंह चहल आज अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवाने पहुंचे हुए हैं। करीब दो घंटे से अपनी स्टेटमेंट दर्ज करवा रहे हैं। इन दोनों पर ड्रग तस्करी व मजीठिया के करीब होने के आरोप लगे है। विजिलेंस का दावा है कि गवाहों के बयानों से कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जो कि इस केस में अहम भूमिका निभा सकती हैं। आज उन्हें अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर तस्दीक कराई जाएगी। दो जुलाई को अदालत में इस मामले की पेशी है। विजिलेंस ने अब तक जिन चार लोगों के बयान दर्ज किए हैं, उनके बयानों के महत्व को समझते हैं – 1. पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय वह व्यक्ति हैं, जिनके कार्यकाल में मजीठिया पर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 2021 में कांग्रेस सरकार के समय एनडीपीएस केस दर्ज किया गया था। यह केस पूर्व डीजीपी की सुपरविजन में दर्ज किया गया था। उनका साफ कहना है जो केस उस समय उन्होंने दर्ज किया था, वह ईडी की जांच के आधार पर था। वहीं, इस बार विजिलेंस ने 202ा में दर्ज केस को आधार बनाया है। उस समय भी सबूत थे, इस बार सबूत हैं। 2. निरंजन सिंह ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर हैं। जिन्होंने पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज 6000 करोड़ के ड्रग तस्करी के बाद आरोपियों पर मनी लांडरिंग केस का केस दर्ज किया था। उन्होंने भोला समेत करीब 41 लोगों से पूछताछ की थी। वह बताते हैं कि भोला ने उनके सामने मजीठिया का नाम लिया था। 2013 में उन्होंने जांच शुरू की थी। हालांकि मजीठिया उनके समक्ष पेश नहीं हुए थे। इसी जांच को आधार बनाकर 2021 में पुलिस ने मजीठिया पर एनडीपीएस का केस दर्ज किया था। उनके केस में 17 लोगों को सजा हो चुकी है। 3. बोनी अजनाला भी मजीठिया के खास रहे है। सबसे पहले उन्होंने मजीठिया के खिलाफ बगावत की थी। उन्होंने उस समय तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को इस बारे में पत्र भी लिखा है। वह साफ कहते हैं कि जिन सत्ता और पिंदी को नशा तस्कर कहा जा रहा है। उन्हें मजीठिया ने अपने घर पर जिगरी यार कहकर उनसे मिलवाया था। 2013 से वह इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। 4. मजीठिया के पूर्व पीए तलबीर भी काफी अहम माना जा रहा है। उसे उनके कार्यालय से जुड़ी हर चीज पता थी। उन्होंने भी अपनी स्टेटमेंट रिकॉर्ड करवा दी है। वह भी अब मजीठिया से अलग हो गया है। अमृतसर घर से मजीठिया को किया था गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 2021 में दर्ज एनडीपीएस मामले से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के केस में 25 जून को सुबह 11:30 बजे गिरफ्तार किया। मजीठिया के वकीलों का दावा है कि 24 जून की रात साढ़े 10 बजे रिपोर्ट विजिलेंस को सौंपी गई थी, जबकि अगले दिन सुबह साढ़े 4 बजे मजीठिया को केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, गुरुवार को मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली अदालत में पेश किया गया। इस दौरान सरकारी वकीलों ने 12 दिन के रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने 7 दिन का रिमांड दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। हालांकि मजीठिया के एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर का कहना है कि मजीठिया सरकार के खिलाफ बोलते हैं, इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार कुछ कहती है, जबकि जिला अदालत में कुछ और दलील दे रही है। वहीं, उनका कहना है कि जिन कंपनियों का विजिलेंस दावे कर रही है। वह सारी कंपनियां भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। 540 करोड की संपत्ति से जुड़ा है मामला जब विजिलेंस ने मजीठिया को अरेस्ट किया तो उस समय मजीठिया से जुड़ी 26 जगह पर दबिश दी गई। इस दौरान मजीठिया के घर से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। वहीं, विजिलेंस ने कहा कि मजीठिया ने अवैध तरीके से 540 करोड़ की संपत्ति बनाई है। मजीठिया द्वारा नियंत्रित कंपनियों के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी जमा है। संदिग्ध विदेशी संस्थाओं के माध्यम से 141 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। कंपनी के वित्तीय विवरणों में बिना किसी सूचना और स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपए की राशि का खुलासा किया गया।