पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज लुधियाना के महिमा सिंह वाला गांव पहुंचे, जहां बैलगाड़ी दौड़ की बहाली को लेकर एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किला रायपुर की ये खेलें 1933 से चलती आ रही हैं, तो हम इन्हें रोकने वाले कौन होते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार विरासत को संभालने और प्राइवेट संस्थानों को खरीदने वाली पहली सरकार है, जबकि पुरानी सरकारें तो सरकारी संस्थानों को घाटे में दिखाकर बेच देती थीं। कुत्तों और कबूतरों के खेलों की भी अनुमति दी जाएगी मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसने ब्लैक एंड व्हाइट टीवी पर बैलगाड़ियों की दौड़ देखी हो, वह इन खेलों की वापसी की खुशी समझ सकता है। उन्होंने नशे से जुड़ी गतिविधियों पर तंज कसते हुए कहा कि जो नशे की कमाई से महल बनाकर दीमक की तरह उसे खत्म कर रहा है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों को अब पकड़ा जा रहा है और जब कार्रवाई होती है तो कुछ लोग उनके पक्ष में खड़े हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, “हम तो कीड़े-मकोड़े और पशु हैं, असली इंसान तो वही हैं।” इस मौके पर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खेतों ने कहा कि विरासती खेलों के तहत अब कुत्तों और कबूतरों के खेलों की भी अनुमति दी जाएगी, लेकिन इन आयोजनों में नशे की कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने संबंधित एसोसिएशनों को चेताया कि वे खुद भी इन गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी तरह की नशे से जुड़ी चीज़ों को बढ़ावा न दें।