पंजाब पुलिस के DIG हरचरण सिंह भुल्लर रिश्वत केस में चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में बंद हैं। जेल सूत्रों के मुताबिक, अब तक उनसे मिलने के लिए कोई भी पारिवारिक सदस्य नहीं पहुंचा है। वे पूरा दिन जेल में ही रहते हैं और आम कैदियों की तरह ही खाना खा रहे हैं। भुल्लर रात में नीचे जमीन पर गद्दा बिछाकर एक तकिया और चादर के साथ सोते हैं। माना जा रहा है कि जिस सुराग पर सीबीआई को सफलता मिली है, उस पर अब ईडी समेत अन्य एजेंसियों की भी नजर है। सीबीआई अपनी जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है। तीन जिलों में आठ पुलिस अधिकारियों से पूछताछ हो सकती है। 16 अक्टूबर को मंडी गोबिंदगढ़ के स्क्रैप कारोबारी आकाश बत्रा से आठ लाख रिश्वत लेते हुए पहले एजेंट कृष्नु को सेक्टर-21 से पकड़ा गया था। फिर सीबीआई ने साथ जाकर DIG को भी रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोप है कि कृष्नु ही DIG को रिश्वत के लिए शिकार खोजकर देता था। वह DIG का प्राइवेट आदमी है। शुक्रवार को DIG और कृष्नु को चंडीगढ़ स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ प्रदेश सरकार ने उन्हें सस्पेंड भी कर दिया है। नाश्ते में ब्रेड और चाय ली
सूत्रों के मुताबिक, भुल्लर को शुक्रवार शाम बुड़ैल जेल लाया गया था। उन्हें बैरक नंबर 7 में रखा गया है। रात के भोजन में उन्होंने सब्जी और रोटी खाई, जबकि शनिवार सुबह चाय और ब्रेड ली। दोपहर में दाल, चावल और दो रोटियां खाईं। रात के खाने में आलू की सब्जी व थोड़ा चावल लिया। जेल में पूछताछ का है प्रावधान, प्रोडक्शन वारंट पर भी ला सकती है CBI
CBI के पास हरचरण सिंह भुल्लर से पूछताछ के विकल्प मौजूद हैं। वह अदालत में अर्जी देकर आरोपी अफसर से पूछताछ के लिए जेल में जा सकते हैं। अदालती आदेश के अनुसार जेल में तय जगह पर पूछताछ की जा सकती है। उनके बयान दर्ज किए जा सकते हैं और सवाल जवाब की वीडियो भी हो सकती है। अगर CBI को लगता है कि उन्हें बाहर लाकर पूछताछ करनी है या किसी की शिनाख्त करवानी है तो उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर जेल से बाहर लाया जा सकता है। इसके लिए भी अदालत की तरफ से आदेश जारी किए जाने होते हैं। 3 जिलों के पुलिस अधिकारी रडार पर
रोपड़ रेंज के अधीन रूपनगर, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब के जिले आते हैं। सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान बिचौलिए कृष्नु ने CBI को बताया है कि उसके घर से मिले 21 लाख रुपए भी हरचरण सिंह भुल्लर के ही थे। उसने कुछ डीएसपी के नाम भी बताए हैं, जो पैसे इकट्ठे करके देते थे। बताया जा रहा है कि इन तीन जिलों से आठ DSP सीबीआई की रडार पर हैं। उन्हें पूछताछ के लिए कभी भी बुलाया जा सकता है। यह भी सामने आया हैं कि कई अधिकारी तो चंडीगढ़ छोड़कर रात को पंजाब चले जाते हैं, ताकि CBI की जांच से बचा जा सके।