ख्यात शास्त्रीय गायक पद्म विभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की तेरही मंगलवार को हुआ। पारिवारिक विवाद के चलते पुत्र व पुत्री ने अलग अलग स्थान पर इसका आयोजन किया। पुत्र ख्यात तबला वादक पं. रामकुमार मिश्र दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार महाविद्यालय दुर्गाकुंड में आयोजन किया तो छोटी पुत्री नम्रता मिश्रा रोहनिया स्थित अपने आवास पर तेरही व ब्राह्मणभोज किया। छन्नुलाल के शिष्यों ने संगीत के माध्यम से दी श्रद्धांजलि पुत्र व पुत्री दोनों ने अलग-अलग निमंत्रण पत्र भी वितरित किया। तेरही में स्व. पं. छन्नूलाल मिश्र के अनेक शिष्य-शिष्याओं के साथ ही संगीत जगत के अनेक दिग्गजों, काशी व देश के गणमान्य लोगों तथा उनके शिष्य पं. मिश्र को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कार्यक्रम में अलग अलग युवा कलाकारों ने पंडित जी को श्रद्धांजलि देने के लिए गीतों की प्रस्तुति देते दिखे। पौत्र राहुल बोले – बाबा की आखरी इच्छा करेंगे पूरी पंडित छन्नूलाल को मुखाग्नि देने वाले पौत्र राहुल मिश्रा ने कहा – हमारे दादा जी हमसे बहुत प्यार करते थे। उन्होंने हमसे तीन बात कही थी कि तुम हमको मुखाग्नि देना, कराकर हो तो बाल मत कटाना और त्रिरात्रि कर देना। हमने दादा जी के कहने पर उनकी इच्छा पूरी की। उन्होंने कहा कि मेरे दादा एक बात से दुखी थे कि मैं उनकी तरह संगीतकार नहीं बन सके लेकिन मैं अपने पुत्र को संगीतकार बनाकर दादा की इच्छा को पूरा करूंगा।