पटना में प्रदूषण के अलग-अलग आंकड़ों से भ्रम की स्थिति:कौन सही…निजी पोर्टल पर पटना की हवा खराब, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बता रहा साफ

पटना में प्रदूषण की स्थिति पर भ्रम की स्थिति है। माइक्रोसॉफ्ट के एमएसएन वेदर पोर्टल के अनुसार, शहर के साथ-साथ आसपास के प्रखंडों में एक्यूआई लेवल 300 के पार हो गया है। पटना जिले का औसत एक्यूआई लेवल 308 दर्ज किया गया है। जबकि, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के शुक्रवार शाम 7 बजे के अपडेट में पटना का औसत एक्यूआई लेवल 152 बताया गया है। अगर लोगों ने एमएसएन वेदर पोर्टल के आंकड़े को सही माना तो बचाव के उपाय अपनाने होंगे। लेकिन, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े को सही मान बचाव नहीं किया तो खतरा भी हो सकता है। हालांकि, शहर की स्थिति कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े पर संदेह पैदा करती है। इसकी दो वजहें हैं-निर्माण कार्य और सड़क जाम। निर्माण कार्य की वजह से धूल उड़ती रहती है। रोज सड़क जाम की वजह से गाड़ियों का धुआं हवा में फैलता है। डॉक्टर बोले-एक्यूआई 300 से पार होने पर मास्क जरूर पहनें, दिल के मरीज को सबसे ज्यादा खतरा जब एक्यूआई लेवल 300 के पार होता है तो हवा खतरनाक रूप से प्रदूषित हो जाती है। घर से बाहर निकलने पर आंखों में जलन महसूस होती है। फेफड़े और दिल के मरीजों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा होता है। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, गले में जलन, थकान जैसी समस्याएं होती हैं। इसलिए इस दौरान मास्क पहनना और बाहर निकलने से बचना जरूरी है।-डॉ. दिवाकर तेजस्वी, जनरल फिजिशियन कहीं खेल तो नहीं हो रहा…जांच मशीन के पास कर रहे पानी का छिड़काव नगर निगम की एंटी स्मॉग गन से एक्यूआई लेवल मापने वाली मशीन के पास लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। वहां घंटों गाड़ी रोक कर पानी का छिड़काव किया जाता है। इससे मशीन में एक्यूआई लेवल कम दर्ज हो रहा है। इंदौर में पर्यावरण और स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन पर काम कर रही एवियंस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के एमडी पंकज कुमार के मुताबिक, मॉनिटरिंग मशीन के पास पानी का छिड़काव करने से एक्यूआई लेवल में कमी आएगी। छिड़काव होने पर धूल-कण पानी की बूंदों के साथ जमीन पर गिर जाएगा। सिर्फ हवा सेंसर तक पहुंचेगी। ऐसे में आंकड़ा गलत हो जाएगा। कंट्रोल बोर्ड ने कहा-मशीन के पास छिड़काव से फर्क नहीं एक्यूआई लेवल मापने वाली मशीन के पास पानी का छिड़काव करने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए सड़कों पर एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पहले की तुलना में अभी वायु प्रदूषण में काफी कमी आई है।-डॉ. डीके शुक्ला, चेयरमैन, बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

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