पटना विश्वविद्यालय ने बुधवार को अपना 109वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर 2022-2025 बैच के स्नातक के 35 मेधावी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इनमें 21 छात्राएं और 14 छात्र शामिल थे, जिनमें से 16 छात्राएं मगध महिला कॉलेज की थीं। विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस मूल रूप से एक अक्टूबर को मनाया जाता है। हालांकि, इस बार दुर्गा पूजा की छुट्टियों के कारण समारोह को आठ अक्टूबर को आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। विवि परिसर में गोल्ड मेडल पाना खुशी की बात- मेधावी छात्रा स्नातक की मेधावी छात्रा नूपुर सिंह ने इस सम्मान को गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में गोल्ड मेडल प्राप्त करना खुशी की बात है। नूपुर का अगला लक्ष्य प्रोफेसर बनकर अच्छी शिक्षा प्रदान करना है। मेधावी छात्रा श्वेता कुमारी ने इसे खुशी का पल बताया। उन्होंने कहा कि स्नातक के बाद यह सम्मान मिलना उनके लिए महत्वपूर्ण है। श्वेता का मुख्य उद्देश्य सिविल सेवा के माध्यम से अपने गांव में शिक्षा को बढ़ावा देना है। समाज को अच्छी सेवा प्रदान करना लक्ष्य- मृत्युंजय कुमार वहीं मेधावी छात्र मृत्युंजय कुमार ने भी गोल्ड मेडल मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन को इस परिणाम का श्रेय दिया। उनका उद्देश्य बेहतर शिक्षा प्राप्त कर समाज को अच्छी सेवा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम में आईआईटी पटना के निदेशक टी.एन. सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ पटना विश्वविद्यालय के कुलपति अजय कुमार, प्रिंसिपल, प्रोफेसर और अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे। सम्मानित विद्यार्थियों के नाम सम्मानित होने वाले सूची में शामिल टॉपर विद्यार्थी नाम विषय कॉलेज श्वेता कुमारी (हिंदी) मगध महिला कॉलेज, अमिशा चंद्रा (अंग्रेजी) मगध महिला कॉलेज, अभिलाशा कुमारी (दर्शनशास्त्र) मगध महिला कॉलेज, निशा सिंह (संगीत) मगध महिला कॉलेज, नूपुर सिन्हा (इतिहास) मगध महिला कॉलेज, अमीशा कुमारी सिंह (समाज शास्त्र) मगध महिला कॉलेज, साधना (राजनीति विज्ञान) मगध महिला कॉलेज शामिल हैं। इसके साथ ही स्नेहा भारती (गृह विज्ञान) मगध महिला कॉलेज, साक्षी गुप्ता (गणित) मगध महिला कॉलेज, गुल अफशां आरा (भौतिक विज्ञान) मगध महिला कॉलेज, एश्वर्या (रसायन शास्त्र) मगध महिला कॉलेज, रासकी जहां (वनस्पति विज्ञान) मगध महिला कॉलेज, आयुषी रावत (जूलॉजी) मगध महिला कॉलेज, अदिति कुमारी (बीसीए) को भी सम्मान मिला।