पटना से दिल्ली जाना ₹20, मुंबई ₹34 महंगा हुआ:रेलवे ने बढ़ाया लंबी दूरी का किराया, बिहार से रोज 2 लाख लोग ट्रेन से सफर करते हैं

भारतीय रेलवे ने लंबी दूरी की यात्रा के लिए किराए में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह नया किराया 26 दिसंबर 2025 से लागू होगा। 215 किलोमीटर से ज्यादा का सफर करने वाले यात्रियों को अब हर किलोमीटर के लिए 1 से 2 पैसे अतिरिक्त चुकाने होंगे। हालांकि, 215 किलोमीटर से कम दूरी की यात्रा करने वालों और मंथली सीजन टिकट होल्डर्स के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेलवे का अनुमान है कि इस बदलाव से उसे सालाना 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी। दिल्ली से पटना की दूरी करीब 1000 KM है। यानी दिल्ली के लिए 20 रुपए अधिक देने होंगे। वहीं, मुंबई के लिए 34.12 रुपए, बेंगलुरु के लिए 53.62 रुपए, केरल के लिए 55 रुपए अधिक देने होंगे। हालांकि, जनरल कोच के लिए किराया नहीं बढ़ाया है। बता दें कि बिहार से ट्रेन के जरिए रोज करीब 2 लाख लोग ट्रेन से सफर करते हैं। ऐसे में राजेंद्र नगर से नई दिल्ली तेजस राजधानी की बात करें तो अभी किराया 2395 रुपए है, जिसमें 26 दिसंबर 2025 से 20 रुपए बढ़ जाएंगे। यानी अब पटना-दिल्ली राजधानी में सफर करने के लिए आपको 2415 रुपए देने होंगे। वहीं, सेकेंड AC के लिए 3395 रुपए चुकाने होंगे। जानिए किस शहर के लिए कितना बढ़ा फेयर पटना से दिल्ली पटना से मुंबई पटना से बेंगलुरु पटना से कोलकाता अब समझिए एक फैमिली पर कितना बोझ बढ़ेगा मान लीजिए एक परिवार में पति–पत्नी, 11 और 13 साल के दो बच्चे, माता–पिता समेत कुल 6 लोग हैं तो उनका मुंबई जाने पर लगभग 204 रुपए अतिरिक्त खर्च आएगाा। क्लास: थर्ड एसी
यात्रा 1 : पटना → मुंबई
पर हेड बढ़ोतरी: ₹34
6 लोग: ₹204 अतिरिक्त लगेंगे यात्रा 2: पटना → दिल्ली
पर हेड बढ़ोतरी:₹20
6 लोग: ₹120 अतिरिक्त लगेंगे यात्रा 3: पटना → हावड़ा
पर हेड बढ़ोतरी:₹10
6 लोग: ₹60 अतिरिक्त लगेंगे रेलवे को क्यों पड़ी किराया बढ़ाने की जरूरत? रेलवे मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह किराया बढ़ोतरी ऑपरेशनल कॉस्ट (परिचालन लागत) में हो रही वृद्धि और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को फंड करने के लिए जरूरी है। रेलवे लगातार अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने, नई ट्रेनें चलाने और स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर काम कर रहा है। इस किराया बढ़ोतरी से मिलने वाली 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय का इस्तेमाल इन्हीं कामों में किया जाएगा। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है और इसके नेटवर्क को मेंटेन करने में भारी खर्च आता है। सैलरी का बोझ बढ़ा, इसलिए किराया बढ़ाया रेलवे रेलवे का कहना है कि कम आय वाले परिवारों का ध्यान रखते हुए लोकल ट्रेनों का किराया नहीं बढ़ाया गया है। रेलवे के मुताबिक, पिछले 10 सालों में ट्रेनों की संख्या काफी बढ़ी है। इसके अलावा ट्रैक का भी विस्तार किया गया है। सुरक्षा और अच्छे संचालन के लिए ज्यादा कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। ऐसे में रेलवे पर सैलरी का बोझ बढ़ा है। रेलवे का कहना है कि अब मानव संसाधन पर 1.15 लाख करोड़ का खर्च है। इसके अलावा पेंशन का बोझ पहले से है। ऐसे में संतुलन बनाने के लिए किराए में बढ़ोतरी जरूरी थी। साल में दूसरी बार बढ़ाया किराया इससे पहले इसी साल 1 जुलाई को सरकार ने रेल किराए में बढ़ोतरी की थी। तब नॉन-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में 1 पैसा प्रति किलोमीटर और एसी क्लास के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की थी। वहीं इससे पहले 2020 में भी यात्री किराया बढ़ाया था।

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