पटना से लेकर गयाजी, वैशाली, मुजफ्फरपुर, चंपारण में छापेमारी:म्यूल अकाउंट से क्रिप्टो करेंसी का धंधा, 60 करोड़ का लेनदेन

बिहार में म्यूल अकाउंट चलाने वाले सबसे बड़े गिरोह का पटना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गर्दनीबाग, वैशाली, गयाजी, मुजफ्फरपुर में छापेमारी कर अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड से जुड़े सरगना समेत 13 को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पुलिस ने 54 एटीएम, 11 पासबुक, 23 मोबाइल, 28 सिम, दो कार, 28 चेकबुक, दो ब्लैंक चेक, एक पासपोर्ट और 5900 रुपए नकद बरामद किया। पटना पुलिस ने पहली बार इतने बड़े साइबर गिरोह को दबोचा है। यह गिरोह गेपिंग और बेटिंग एप के पैसे को यूएस डॉलर, क्रिप्टोकरेंसी और बिट क्वाइन को शेल कंपनी, फर्जी बिजनेस अकाउंट के नाम पर खुलवाए गए खातों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस समेत अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों से मंगवाता था। इस गिरोह ने ऐसे 150 म्यूल खातों में विदेशी मुद्रा मंगवाए जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा में 60 करोड़ है। मामला विदेशी साइबर फ्रॉड से लेकर विदेशी मुद्रा से जुड़ने की वजह से पटना पुलिस इसे सीबीआई को भी ट्रांसफर कर सकती है। यही नहीं बिहार की जांच एजेंसी ईओयू भी जांच करेगी। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि यह बहुत बड़ा साइबर फ्रॉड का गिरोह है। शेल कंपनी को भी भेजता था 5 से 10 प्रतिशत कमीशन इस गिरोह ने करीब 150 शेल कंपनी के म्यूल खाते खुलवा रखे हैं। इन खातों में विदेशी मुद्रा आने के बाद इन फर्जी कंपनियों को भी कमीशन जाता था। यह कमिशन ऐसे शेल कंपनियों के नाम पर खुले लोगों के कमीशन के रूप में 5 से 10 प्रतिशत जाता था। यही नहीं दूसरे राज्यों के साइबर फ्रॉड गिरोह 50 हजार से 1 लाख में बेच देते थे। जिन लोगों के नाम पर फर्जी दस्तावेज देकर खाते खुलवाते, उन्हें भी एकमुश्त 40- 50 हजार एक बार में देने के बाद गिरोह पासबुक, एटीएम कार्ड और चेक बुक ले लेता था। इस गिरोह से देशभर में करीब 1500 साइबर अपराधी जुड़े हैं। अनीसाबाद में दो को दबोचा तब पकड़ाया गिरोह गर्दनीबाग थाना की पुलिस को सूचना मिली थी कि अनीसाबाद के माणिक चंद तालाब के पास दो संदिग्ध हैं। ये लोग बार-बार एटीएम से आ-जा रहे हैं। उसके बाद पुलिस वहां पहुंची और दो युवक को पकड़ा गया। दोनों के पास से 8 एटीएम और 4 मोबाइल व 2 सिम बरामद किए गए। दोनों से पूछताछ की गई। फिर पटना से बाहर छापेमारी कर सबों को एक-एक कर दबोचा गया। सूरत में काम करने वाले ने खड़ा किया गिरोह इस गिरोह का सरगना सौरभ द्विवेदी है। वह पश्चिमी चंपारण के खड्डा खजली का रहने वाला है। सौरभ पहले सूरत में किसी निजी फैक्ट्री में काम करता था। लॉकडाउन में घर आया। इसके बाद लौटकर नहीं गया। पटना आया और सत्यम के साथ मिलकर उसने पूरी योजना बनाई। सत्यम कंप्यूटर इंजीनियर है। दोनों ने गिरोह में बैंक एजेंटों को जोड़ना शुरू किया। एजेंटों ने निजी कंपनी के फाइनेंसर राहुल कुमार से मिलकर म्यूल एकाउंट खोला। पुलिस ने जिन 10 लोगों को दबोचा है वह बैंकों के लोन एजेंट है।

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