भास्कर न्यूज | जालंधर पति और पिता बनाने से पहले अपनी थैलेसीमिया स्थिति की जांच अवश्य करवाएं । ये बात केएसजी मेमोरियल चैरिटेबल सोसायटी की ओर से करवाए जागरूकता सेमिनार में बताई गई। सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. एसपीएस ग्रोवर और डॉ. कंवलजीत सिंह ग्रोवर द्वारा अंगों के कैंसर और थैलेसीमिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आम लोगों में कैंसर का स्तर चरम पर है। इसका मुख्य कारण अनियमित खानपान की आदतें और कुपोषण है। खुले बाजार में मिल रहे मिलावटी और कीटनाशक-युक्त खाद्य पदार्थों के कारण पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता में कमी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजारों में बिक रही जीवन रक्षक दवाइयां भी प्रभावशाली नहीं होती। वक्ताओं ने थैलेसीमिया से प्रभावित मरीज के बारे में बताते हुए कहा कि थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है – माइनर और मेजर। थैलेसीमिया मेजर एक गंभीर आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता, जिससे जानलेवा एनीमिया हो जाता है। इसका इलाज आजीवन चलता है और हर 2 से 4 सप्ताह में रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। थैलेसीमिया माइनर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो पूरी तरह से स्वस्थ होता है, लेकिन उसमें एक दोषपूर्ण जीन होता है। वे सामान्य जीवन व्यतीत करते हैं। इसकी जांच एक विशेष परीक्षण एचकेए-2 (एचबी इलेक्ट्रोफोरेसिस) के माध्यम से की जा सकती है। उन्होंने हर व्यक्ति को विवाह से पहले या संतान की योजना बनाने से पहले अपनी थैलेसीमिया स्थिति की जांच अवश्य करवाने के लिए प्रेरित किया। सोसाइटी द्वारा लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कॉलेजों और अन्य संस्थानों में सेमिनार आयोजित करने की घोषणा की। इस अवसर पर इंजीनियर एके कुंद्रा, डॉ. राज कुमार हस्तीर, इंजीनियर कुलदीप सिंह, इंजीनियर दर्शन सिंह, इंजीनियर अमरजीत सिंह विरदी, दलजीत सिंह विरदी, टीपीएस बजाज, जेएस चीमा, रमन भल्ला एवं परविंदर सिंह मौजूद थे।