राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने भारत में ड्रग्स के ज़रिए आतंक को फंड करने का नेटवर्क खड़ा कर रखा था। यह नेटवर्क पाकिस्तान से हेरोइन की बड़ी खेप को गुजरात पोर्ट के रास्ते पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ तक पहुंचाता था। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, चंडीगढ़ में यह ड्रग्स नेटवर्क डिस्कोथेक, नाइट क्लब, बार और नामी रेस्टोरेंट्स तक सक्रिय था। अब तक इस केस में 26 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि 8 आरोपी अभी फरार हैं। जांच में सामने आया कि भारत में इस नेटवर्क की सप्लाई चेन अंकुश कपूर संभालता था, जो पंजाब, दिल्ली और चंडीगढ़ में ड्रग्स का वितरण करता था और विदेशों में बैठे नेटवर्क के अन्य सदस्यों से समन्वय रखता था। ऑस्ट्रेलिया में बैठा मुख्य आरोपी एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में तारिक उर्फ भैयाजान, इटली में सिमरनजीत सिंह संधू और ऑस्ट्रेलिया में तनवीर बेदी इस नेटवर्क के प्रमुख सदस्य थे। इनमें से सिमरनजीत सिंह संधू को इस पूरे ड्रग्स और फंडिंग नेटवर्क का मास्टरमाइंड बताया गया है। वह हेरोइन की ढुलाई, भंडारण और आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग की योजना बनाता था। तारिक पाकिस्तान से हेरोइन की सप्लाई करता था, जबकि तनवीर बेदी ऑस्ट्रेलिया से हवाला चैनलों के ज़रिए लश्कर-ए-तैयबा तक फंड पहुंचाता था। एनआईए की जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क करीब 500 किलोग्राम हेरोइन की तस्करी से जुड़ा था और इसका संचालन भारत के अलावा इटली, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, पाकिस्तान, ईरान और थाईलैंड तक फैला हुआ था। 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल एनआईए ने इस मामले में साल 2020 में एनडीपीएस एक्ट और गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम (UAPA) के तहत 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट जो नाम शामिल है वो है सिमरनजीत सिंह संधू, तनवीर बेदी, अंकुश कपूर, तारिक, गगनदीप सिंह अरोड़ा, तमन्ना गुप्ता, सुखबीर सिंह उर्फ हैप्पी और अनवर मसीह। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, भारत में अंकुश कपूर नेटवर्क का प्रमुख संचालक था, जबकि सिमरनजीत सिंह संधू अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस ड्रग्स और आतंकी फंडिंग नेटवर्क की योजना बनाता और उसका संचालन करता था।